14 साल तक साथ रहे, रात में गला दबाकर मारा
उज्जैन, अग्निपथ। 14 साल से साथ लिव इन में रहने वाले दम्पति रात को क्षिप्रा नदी जाने के लिये निकले थे। रात 11 बजे पति ने बेटे को कॉल किया और बोला कि तेरी मां को मार दिया है, चाबी खिडक़ी में रखी है। बेटा मकान पर पहुंचा तो जमीन पर मां की लाश पड़ी थी।
चिमनगंज थाना प्रभारी जितेन्द्र भास्कर ने बताया कि रात्रि गश्त में वीरनगर स्थित मकान में पति द्वारा पत्नी की गला दबाकर हत्या किये जाने की खबर मिलने पर पुलिस पहुंची थी। मृतिका का बेटा हर्षित मां का शव जिला अस्पताल लेकर पहुंच गया था, टीम अस्पताल पहुंची। डॉक्टरों ने मृत घोषित कर शव को पोस्टमार्टम कक्ष में रखने की तैयारी कर ली थी।
मृतिका के बेटे से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह राज रॉयल कालोनी में अपनी मां लीलबाई के साथ रहता है। देर शाम पिता दिनेश चौहान घर आये थे और मां से कहा कि रामघाट क्षिप्रा नदी मछली को आटा खिलाने चलना है। मां उसके साथ चली गई थी। रात 11 बजे पिता ने मोबाइल पर कॉल किया और बोले कि तेरी मां को मार दिया है। वीरनगर में किराये के मकान में लाश पड़ी है।
मकान की चाबी खिडक़ी में रखी है। पहले उसे लगा कि ऐसा नहीं हो सकता। उसने दोबारा पिता को कॉल किया तो वहीं बात कहीं। मां और पिता घर नहीं लौटे तो वह वीरनगर पहुंचा। उसने दरवाजा खोला तो लाश पड़ी थी। कालोनी के चौकीदार मधुसुदन की मदद से मां को अस्पताल लेकर पहुंचा। पुलिस ने मामले में हत्या का प्रकरण दर्ज कर पति की तलाश शुरु की है।
पति को छोड़ चुकी थी, शादीशुदा था दिनेश
पुलिस की जांच में सामने आया कि लीलाबाई भोपाल की रहने वाली थी। पति को छोडऩे के बाद बेटे को लेकर उज्जैन आ गई थी। 14 सालों से लिव इन रिलेशन में दिनेश के साथ रह रही थी। 15 वर्षीय बेटा साथ रहता था। दिनेश शादीशुदा था, उसकी पत्नी राजीव नगर में रहती है, जिससे तलाक का मामला चल रहा है।
बावजूद वह रेखा से मिलता था। इसी बात पर लीला और दिनेश में विवाद होता था। संभवत: इसी के चलते उसने हत्या का अंजाम दिया है। टीआई भास्कर का कहना था कि दिनेश के गिर त में आने पर हत्या की सही वजह सामने आयेगी। जांच के लिये घटनास्थल पर एफएसएल अधिकारी डॉ. प्रीति गायकवाड़ को बुलाया गया था। साक्ष्य एकत्रित किये गये है।
सिलाई का काम करते थे दोनों
एसआई यादवेन्द्र परिहार ने बताया कि प्रारंभिक विवेचना में पता चला है कि दिनेश ने वीर नगर में किराये का मकान ले रखा था। वह लीलाबाई के साथ वहां कपड़ों की सिलाई करने का काम करता था। राज रॉयल कालोनी का मकान बाद में खरीदा जाना सामने आ रहा है। मकान किसने खरीदा था और उसको लेकर कुछ विवाद है या नहीं इसकी भी जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि दोनों मकान पर अपना हक जताते थे।