गर्मी में यात्रियों की दिक्कतों को देखते हुए पीछे के गेट पर लगाया, लड्डू काउंटर भी लगाने की दरकार
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में अब यात्रियों को प्रशासनिक कार्यालय के पास बने प्रोटोकाल काउंटर तक जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। भीषण गर्मी को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने इसको फेसिलिटी सेंटर के पीछे के गेट पर लगा दिया है। यहां से श्रद्धालु सीधे टिकट खरीदकर छोटे मार्ग से प्रवेश कर भगवान महाकाल के दर्शन कर रहे हैं।
शुक्रवार को निर्माल्य गेट पर रखे हुए काउंटर को उठाकर प्रशासनिक कार्यालय के सामने स्थित फेसिलिटी सेंटर के छोटे गेट पर लगा दिया गया है। शनिवार को यहां से श्रद्धालुओं के लिए इसकी बिक्री भी शुरू कर दी गई। इस गेट पर काउंटर लगाए जाने से अब श्रद्धालुओं को भीषण गर्मी में निर्माल्य गेट तक नहीं जाना पड़ेगा। पहले श्रद्धालुओं को प्रशासनिक कार्यालय के पास बने प्रोटोकाल कार्यालय से 250 रुपए का टिकट लेना पड़ रहा था और यहां से दूर बने निर्माल्य गेट तक जाना पड़ रहा था। अब यहीं से टिकट खरीदो और प्रवेश पाओ की व्यवस्था से श्रद्धालु खुश नजर आए। हालांकि यहां पर जूते चप्पल उतारने की व्यवस्था नहीं होने से श्रद्धालु परेशान अवश्य हुए।
निर्गम पर लगा लड्डू काउंटर दूर
वीआईपी अथवा 250 रुपए का टिकटधारी श्रद्धालुओं को सीधे या तो निर्माल्य गेट अथवा फेसिलिटी सेंटर से प्रवेश दिया जाता है। यहां से उनको दर्शन करवाने के बाद सीधे बेरिकेड्स के अंदर से निर्गम गेट के पहले तक पहुंचा दिया जाता है। निर्गम गेट के सामने लगा हुआ लड्डू प्रसाद काउंटर दूर होने के कारण श्रद्धालुओं की इस पर नजर नहीं जाती और वह सीधे खाली हाथ बाहर निकल जाता है। ऐसे में यदि फेसलिटी सेंटर के नवनिर्मित टिकट काउंटर के पास लड्डू प्रसाद काउंटर और लगा दिया जाए तो श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल का विश्व प्रसिद्ध लड्डू महाभोग लेने का पुण्य लाभ भी मिल जाएगा।
प्रोटोकॉल कर्मचारी ड्यूटी के बीच हो रहा गायब
जानकारी में आया है कि प्रोटोकाल कार्यालय में पदस्थ एक कर्मचारी वीआईपी पाइंट को ले जाने के बाद अक्सर गायब हो जाता है। बताया जाता है कि उसका घर महाकालेश्वर मंदिर के सामने होने के कारण वह इसका फायदा उठा रहा है। प्रोटोकाल के अन्य कर्मचारियों की व्यस्तता के कारण वह पकड़ा भी नहीं जा रहा है। वहीं एक अन्य कर्मचारी केवल मोबाइल पर अपना समय व्यतीत कर घर निकल रहा है। केवल काम करने वाले ही काम कर रहे हैं, बाकी सब आराम कर रहे हैं।