नौ हैं आरोपी, नौ साल पहले निगम परिसर में मारी थी गोली
उज्जैन,अग्निपथ। पार्षद व एडवोकेट प्रेम कुमार यादव (गप्पू भैया) की करीब नौ साल पहले उज्जैन नगर निगम परिसर में गोली मारकर हुई हत्या के केस में सुनवाई पूरी हो गई। इस बहुचर्चित हत्याकांड के प्रकरण में नीमच कोर्ट शुक्रवार को फैसला सुना सकती है।
एडवोकेट व कांग्रेस के पार्षद गप्पू भैया को 2 जुलाई 2013 की दोपहर नगर निगम परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस सनसनीखेज हत्याकांड में पुलिस ने अजीत सेंगर, गोविंद कुशवाह, प्रणय कुशवाह, तमय कुशवाह, देवीलाल बंसल, मनोज बंसल, यदू बंसल, सलमान शेख व विक्की शर्मा को आरोपी बनाया था। प्रकरण में अभिभाषकों ने आरोपी पक्ष का केस लडऩे से इंकार कर दिया था। नतीजतन आरोपियों की अपील पर वर्ष 2015 में प्रकरण नीमच ट्रांसफर कर दिया गया था। मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश विवेक श्रीवास्तव ने 17 मई सुनवाई पूरी कर ली। अब 20 मई को पेशी होने पर वह इस बहुचर्चित हत्याकांड में फैसला सुना सकते हैं।
रंजिश में की थी हत्या
उल्लेखनीय है कि विनोद यादव व अजीत सेंगर के बीच जमीन को लेकर विवाद हुआ था। इसी रजिंश में विनोद व फिर अजीत के भाई अभयसिंह सेंगर की हत्या हुई थी। अभय का बदला लेने के लिए अजीत ने गप्पू यादव को उस समय गोली मार दी थी जब वह नगर निगम से घर जाने के लिए निकल रहे थे।
यूपी से पकड़ाया था सेंगर
हत्याकांड के बाद अजीत के फरार होने पर पुलिस ने उस पर 50 हजार का ईनाम घोषित किया था। काफी मशक्कत के बाद तत्कालीन साइबर सेल प्रभारी योगेंद्र सिसोदिया ने उसे यूपी से पकड़ा था। अजीत फिलहाल जबलपुर जेल में और गोविंद भैरवगढ़ में मामले में करीब 20 गवाह के बयान कोर्ट में हुए है।