मृतक के परिजन बोले प्रशासन की कार्रवाई सिर्फ खानापूर्ति
जावरा, अग्निपथ। बरखेड़ा में शराब ठेकेदार की हत्या के मामले में फरार चल रहे आरोपी लोकेंद्र सिंह भाटखेड़ा के घर पर प्रशासन का बुलडोजर चला है। शनिवार रात बरखेड़ा कला शराब दुकान के ठेकेदार शक्ति सिंह से ठेकेदारी विवाद में लोकेंद्र सिंह और उसके अन्य साथियों ने मिलकर शक्ति सिंह की हत्या कर दी थी। मामले में बरखेड़ा थाना पुलिस ने मुख्य आरोपी लोकेंद्र सिंह भाटखेड़ा सहित 9 आरोपियों पर प्रकरण दर्ज किया था। इसके बाद प्रशासन ने गुंडा अभियान के अंतर्गत आरोपियों के अवैध निर्माणों को नायब तहसीलदार चंदन तिवारी की मौजूदगी में जमींदोज कर दिया है।
दरअसल बरखेड़ा थाना क्षेत्र के शनिवार देर रात 1:30 बजे शराब ठेके से कलेक्शन की राशि लेकर लौट रहे शक्ति सिंह व दो अन्य साथी को आरोपी पाटनर उनके नौ साथियों ने रास्ता रोककर तलवार रोड से हमला कर दिया इसमें शक्ति सिंह की मौत हो गई थी व दो घायल है हुए थे 24 हजार 745 रुपए भी लूटे गए पुलिस ने हत्या व डकैती का केस दर्ज किया है।
शक्ति सिंह राजपूत 29 वर्ष निवासी बोरदिया थाना सालमगढ़ जिला प्रतापगढ़ बरखेड़ा क्षेत्र में शराब ठेके पर कलेक्शन का काम करता था शनिवार देर रात शक्ति सिंह साथी विजय सिंह,महेंद्र सिंह, प्रवीण सिंह के साथ नेगरूम दुकान से कलेक्शन की राशि लेकर बोलेरो वाहन में बरखेड़ा जा रहे थे बामनखेड़ी रोड बोरवड़ फंटे पर दो वाहनों से आरोपी लोकेंद्र सिंह राजपूत निवासी भाटखेड़ा व उसके साथी मांगू सिंह राजपूत, अंकित सिंह, मयंकराज सिंह राजपूत निवासी नादलेटा, ध्रुव प्रताप सिंह निवासी नागदा, सुमेर सिंह व कृष्णपाल सिंह निवासी बोरदिया तथा तीन अन्य लोग पहुंचे।
उन्होंने शक्ति सिंह को रोककर कलेक्शन की राशि मांगी और विवाद शुरू कर दिया फिर बोलेरो में तोडफ़ोड़ करते हुए मारपीट शुरू कर दी। इसके बाद रॉड और तलवार से हमला किया इसमें शक्ति सिंह के सिर में गंभीर चोट आई व साथी महेंद्र प्रवीण घायल हुए आरोपी ने शक्ति से कलेक्शन 24000 ?745 लूटे गए इधर गंभीर घायल को सिविल अस्पताल ले गए डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया है गिरफ्तारी के लिए कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही हैं
लोकेंद्र सिंह चाहता था ठेके पर कंट्रोल हो हिसाब किताब रखे इसी विवाद में हत्या
बरखेड़ा थाना प्रभारी महेंद्र सिंह चौहान ने बताया यह प्रारंभिक पड़ताल में मालूम हुआ कि मुख्य आरोपी लोकेंद्र सिंह राजपूत निवासी भाटखेड़ा थाना कालूखेड़ा में धर्मवीर सिंह राजपूत निवासी बानीखेड़ी व विजय सिंह निवासी इंदौर के साथ पार्टनरशिप में शराब बेचने का लाइसेंस ले रखा है इनकी बरखेड़ा नेगरून खजूरी देवड़ा में तीन दुकानें हैं ठेके में लोकेंद्र सिंह की पार्टनरशिप 25 फीस दी है जबकि धर्मवीर विजय सिंह ने मिलकर 75त्न लागत लगाई है ज्यादा लागत लगाने से धर्मवीर कलेक्शन समेत अन्य काम संभालता है और हिसाब करता है यह बात लोकेंद्र सिंह को पसंद नहीं आई वह पूरा कंट्रोल कलेक्शन अपने पास रखना चाहता है इसे लेकर पहले से विवाद चल रहा था जिस शक्ति सिंह की हत्त्या हुई वह पाटनर धर्मवीर का साढ़ू है और दुकान पर कलेक्शन का काम करता था
माँ बोली आरोपियों को फाँसी होनी चाहिए
शक्ति सिंह राजपूत की मौत हुई वह परिवार के चार सदस्यों में एक लोता था पिता धर्मेंद्र सिंह 12 साल से लकवा ग्रस्त हैं 2 साल की मासूम बेटी थी उसके सिर से पिता का साया उठ गया उसे अभी तक समझ नहीं है पत्नी ममता कुँवर तो सुहाग उजड़ऩे दो दिन से बेसुध आंसू सूख गए हैं और स्तब्ध हैं मां अपने बेटे के चले जाने से रो – रोकर परेशान है और कह रही है की मेरे बेटे के हत्यारों को फांसी होनी चाहिए बड़ी बहन की शादी हो चुकी है घर में कमाने वाला था अकेला था।
हत्या के बाद गाँव में तनाव बड़ी सख्या में पुलिस की मौजूदगी
आरोपी कृष्ण पाल सिंह पूर्व छोटू बना वह दो अन्य आरोपी मृतक के घर से 500 मीटर की दूरी पर गाँव मे तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई दिन दिनों से गाँव मे भारी पुलिस बल तैनात है इस गांव में राजपूत समाज के चुंडावत का बहुमूल्य है जबकि चौहानों की गिनती के चार या पांच घर है इस वजह से हत्या के बाद तनाव बढ़ गया है।
आरोपी कई सालों से 10 और 20 प्रतिशत से ब्याज़ से पैसे देता था
ग्रामीणों ने अपने नाम नही छापने की शर्त पर बताया कि लोकेंद्र सिंह कई सालों से ब्याज़ का धंधा कर रहा है। यह लोगो को 10 व 20 प्रतिशत तक ब्याज़ पर पैसे देता था। ब्याज़ इतना लेता था कि थोड़े ही दिन में पैसा डबल हो जाता था या जब वह व्यक्ति पैसा नहीं लौटा पाता था तो उनकी जमीन, या कुछ भी महंगी चीज़ डरा के छीन लेता था। इसका लोगों में खौफ इतना था कि इसके खिलाफ लोग बोलने से डरते थे। लोगों ने यह भी बताया कि इनके ब्याज से परेशान होकर कुछ लोगो ने गाँव तक छोड़ दिया यहा तक पहले एक ने आत्महत्या भी कर ली थी।
मृतक के परिजन कारवाई से नहीं है असंतुष्ट
जिस मकान को गिराया वह पहले से ही जर्जर हो चुका था उस मकान को गिरा कर प्रशासन ने केवल औपचारिक करी है जबकी गाँव मे व कई और जगह भी इसने अवैध कब्ज़े कर मकान बना रखा उन पर कार्रवाई नही की प्रशासन को जांच कर जितने भी अवैध निमार्ण है उन्हें तोडना चाहिए।
– ऋषिराज सिंह, मृतक के भाई