महामंडलेश्वर ज्ञानदास की शादी का फोटो वायरल होने के बाद विवाद
उज्जैन,अग्निपथ। सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर दो संतों में तनातनी हो गई। हालात यह हो गए कि मंगलवार को महामंडलेश्वर ज्ञानदास की शादी के प्रमाण वायरल हो गया। वहीं उनकी पत्नी बताई जा रही महिला ने संत समाज के अध्यक्ष रामेश्वर दास पर छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए नीलगंगा थाने में शिकायत कर दी। घटना को लेकर संत समाज में तीखी प्रतिक्रिया हो रही है।
दादू संप्रदाय के महामंडलेश्वर ज्ञानदास का अंगारेश्वर के पास आश्रम है। मंगलवार को उनकी शादी का फोटो और प्रमाण पत्र वायरल हो गया। इस घटना के कुछ घंटे बाद ही ज्ञानदास की कथित पत्नी बताई जा रही 30 वर्षीय महिला नीलगंगा थाने पहुंची। उसने गऊघाट स्थित आश्रम निवासी षड्दर्शन अखाड़े के महंत व रामादल अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर दास के खिलाफ शिकायत की। आरोप लगाया कि मंहत करीब छह माह से उससे अश्लील हरकत कर रहे हैं,लेकिन धमकी देने पर वह रिपोर्ट नहीं कर पर रही थी। जानकारी मिलते ही निर्मोही अखाड़े से जुड़े संतों में आक्रोश छा गया और वह एसएसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल से ज्ञानदास व महिला पर कार्रवाई की मांग करने पहुंच गए।
विवाद की जड़ जमीन पर कब्जा
संतों के अनुसार कलेक्टर ने गऊघाट स्थित हनुमान मंदिर का पुजारी विशालदास को नियुक्त किया था। इस पर मंदिर की जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा कर शनि मंदिर बना दिया। अवैध कब्जेधारी ज्ञानदास से मिले हुए हैं। जमीन हनुमान मंदिर को दिलवाने की मांग करने पर ज्ञानदास महंत रामेश्वर दास से बैर रखते हैं।
पूर्व की साथी महिला ने खोली पोल
संतों की माने तो ज्ञानदास की ओकारेंश्वर निवासी पहली पत्नी साधना दास को जमीन बेचने का पता चलने पर उज्जैन आई और उसने ज्ञानदास की दूसरी शादी के प्रमाण वायरल किए। उससे पता चला कि ज्ञानदास ने 11 अक्टूबर 2021 को अशोक नगर के ग्राम तिगरी की 27 वर्षीय महिला से चिंतामण गणेश मंदिर में शादी की है। विवाह सखीपुरा निवासी पुजारी आशीष जोशी ने कराया है।
तंत्र क्रिया सिखाने की आड़ में हरकत का आरोप
शिकायतकर्ता ने बताया कि अखाड़े में महंत से अन्य संतो ने परिचय कराया। बड़ा संत मानकर उनसे तंत्र क्रिया सीखने आश्रम गई थी। वहीं महंत ने उसके साथ कई बार अश्लील हरकत की। धमकी दी कि शिकायत की तो हत्या करवा देंगे। महिला ने ज्ञानदास से शादी की बात को नकारते हुए कहा इसकी साजिश का आरोप भी महंत पर लगाया और ज्ञानदास को सिर्फ गुरू बताया।
महामंडलेश्वर का पद खतरे में
संतों के अनुसार विवाहित को घर त्यागने पर दीक्षा दी जा सकती है,लेकिन संत बनने के बाद विवाह अनुचित है। ज्ञानदास को सिंहस्थ 2016 में महामंडलेश्वर बनाया गया था। उसने उपरांत उन्होंने विवाह कर नियमों का उल्लंघन किया। अखाड़ा परिषद की बैठक में उन्हें पद से हटाने की मांग की जाएगी।
इनका कहना है
महिला द्वारा की गई की शिकायत की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
-विनोद कुमार मीणा, सीएसपी माधवनगर
महिला को पुत्रीवत मानते हुए कुछ माह पहले विवाह करवाया। संतों के विवाद के कारण उसने आरोप लगाया है, जो कि झूठा है।
– महंत रामेश्वर दास
जिस जमीन से जुड़ा है संत पर आरोप का विवाद, वहां से हटाया अतिक्रमण
गऊघाट स्थित हनुमान मंदिर की जमीन से मंगलवार शाम को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई है। राजस्व, नगर निगम और पुलिस के संयुक्त अमले ने हनुमान मंदिर की जमीन पर बने एक मकान को तोड़ दिया।
शाम करीब 4 बजे नगर निगम और राजस्व विभाग की टीम मशीनें लेकर हनुमान मंदिर की जमीन पर पहुंची और यहां रहने वाले पुजारी के परिवार का सामान बाहर निकालकर मंदिर की जमीन पर बने कमरे तोड़ डाले। एसडीएम संजीव साहू ने बताया कि गऊघाट स्थित हनुमान मंदिर की जमीन शासकीय है। यहां निवास करने वाले परिवार को दो दिन पहले ही जमीन से कब्जा हटाने के लिए नोटिस दिया जा चुका था।
रामादल अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत डा. रामेश्वरदास पर संगीन आरोप लगाने वाली महिला को गऊघाट स्थित हनुमान मंदिर पर कब्जा करने वाले लोगों ने ही उकसाया था। महंत डा. रामेश्वरदास ने मंदिर की जमीन से कब्जा हटाने के लिए कलेक्टर कार्यालय में आवेदन दे रखा था। हनुमान मंदिर पर बतौर शासकीय पुजारी महंत विशालदास की नियुक्ति कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा की गई है।
इसी विवादास्पद जमीन पर शनि मंदिर और हनुमान मंदिर के वर्तमान पुजारी का आवास बना हुआ है। मंगलवार की शाम शनि मंदिर के पुजारी का एक वीडियों भी वायरल हुआ है जिसमें वह मंदिर से कब्जा हटवाने के लिए महंत डा. रामेश्वरदास को दोषी बताते हुए उन्हें गालियां देता हुआ दिखाई दे रहा है।