नगर निगम आयुक्त को लिखा पत्र, कहा- आप मुझे प्रताडि़त कर रहे है
उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम के प्रभारी उपायुक्त रहे सुबोध जैन को उनका डिमोशन रास नहीं आया है। नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता द्वारा सुबोध जैन को वापस अपने मूल पद राजस्व निरीक्षक के रूप में पदस्थ करने के आदेश से नाराज सुबोध जैन ने 2 महीने की छुट्टी पर जाने का आवेदन दे दिया है। उनके इस आवेदन पर फिलहाल कोई फैसला नहीं हुआ है।
सुबोध जैन को शासन ने उज्जैन नगर निगम में 2014 में पदस्थ किया था। पिछले कुछ वक्त से नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता के साथ उनकी पटरी नहीं बैठ पा रही है। तीन दिन पहले ग्रांड होटल पर एक बैठक के दौरान सुबोध जैन देरी से पहुंचे तो आयुक्त ने उनकी अच्छी-खासी क्लास ले डाली थी। इसके ठीक एक दिन बाद ही सुबोध जैन को उनके मूल पद राजस्व निरीक्षक के रूप में जोन क्रमांक 6 में पदस्थ करने का आदेश जारी हो गया था। सुबोध जैन को आयुक्त का यह फैसला रास नहीं आया है। गुरूवार को उन्होंने आयुक्त को 2 महीने की छुट्टी के लिए आवेदन दे दिया। इस आवेदन पत्र में सुबोध जैन ने आयुक्त पर सीधे कुछ आरोप भी लगाए और अपने मन की व्यथा भी व्यक्त की है। जैन के अवकाश आवेदन को स्वीकार किया गया अथवा नहीं, यह फिलहाल साफ नहीं है।
हर मौके पर मुझे प्रताडि़त करते हैं
मुझे शासन आदेश के विपरीत कार्य करने हेतु आदेशित किया गया है। विगत कई दिनों से देखने में आ रहा है कि आप हर मौके पर मुझे प्रताडि़त करते है। आपको मेरे विरूद्ध कार्यवाही के लिए कोई कारण नहीं मिला तो आपने द्वेषपूर्ण भावना से उक्त आदेश जारी करवा दिया। मुझे ह्यदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, मधुमेह है। मेरी बायपास सर्जरी हो चुकी है। विगत दिनों कोरोना से 75 प्रतिशत तक लंग्स इंफेक्शन हो चुका है। आपकी नियमित प्रताडऩा के कारण मेरा स्वास्थ्य लगातार गिर रहा है। मेरा अब तक का कार्यकाल निष्कलंक रहा है। मेरे रिटायरमेंट में बाधा डालने की दृष्टि से मेरे विरूद्ध कोई भी द्वेषपूर्ण कार्यवाही की जा सकती है। मेरा रिटायरमेंट निष्कलंक रहे, इसलिए आज से ही मैं अवकाश पर रहूंगा। कृपया 2 महीने का अवकाश स्वीकृत करने का अनुरोध है।
(जैसा सुबोध जैन ने अवकाश आवेदन में लिखा)