महाकाल वन की पार्किंग में एक करोड़ का लोचा

Mahakal parking

विधायक परमार ने की शिकायत, लोकायुक्त ने तलब की जानकारी

उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर क्षेत्र में स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा करवाए जा रहे विकास कार्यो में गड़बड़ी की आशंका के चलते तराना के विधायक और कांग्रेस नेता महेश परमार ने लोकायुक्त को शिकायत की है। परमार की शिकायत में सीधे नगर निगम आयुक्त सह स्मार्ट सिटी कंपनी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अंशुल गुप्ता पर ठेकेदार फर्म को एक करोड़ रुपए का अनैतिक लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। महेश परमार की शिकायत के बाद लोकायुक्त द्वारा स्मार्ट सिटी कंपनी के कार्यालय से टेंडर से जुड़ी जानकारियां तलब की गई है।

मामला, महाकाल वन क्षेत्र में बनाए जा रहे वाहन पार्किंग क्षेत्र के निर्माण से जुड़ा है। वाहन पार्किंग क्षेत्र का निर्माण एम.पी. बावरिया कंपनी द्वारा किया जा रहा है। आरोप है कि ठेकेदार फर्म एम.पी. बावरिया द्वारा पार्किंग के शेड में लगाई जाने वाली जी.आई. शीट को बदलकर महंगी पोलिकार्बोनेट शीट लगाई गई। इससे फर्म को करीब 1 करोड़ रूपए का सीधे-सीधे मुनाफा हुआ। लोकायुक्त को शिकायत करने वाले विधायक महेश परमार ने यह भी आरोप लगाया है कि एक करोड़ के मुनाफे में निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता और ठेकेदार फर्म दोनों ने अपना-अपना हिस्सा बांट लिया है।

एक आयटम ने 33 प्रतिशत बढ़ा दी टेंडर की लागत

  • महाकाल वन क्षेत्र में पार्किंग शेड सह सोलर पीवी सिस्टम लगाने का टेंडर फरवरी 2021 में निकाला गया था। कार्य की अनुमानित लागत 3 करोड़ 62 लाख 68 हजार 68 हजार 55 रूपए आंकी गई थी।
  • एमपी बावरिया फर्म ने 17.67 प्रतिशत युएडीडी एसओआर से कम पर यह टेंडर लिया गया। पार्किंग शेड में जी.आई. शीट लगाई जाना थी लेकिन चतुराई से इसे पोलिकार्बोनेट शीट में बदल दिया गया।
  • टेंडर में तय नियमों के अनुसार जीआई शीट लगाई जाती तो इस पर लगभग 22 लाख 74 हजार 490 रूपए खर्च होते।
  • जीआई शीट की एसओआर दर बाजार दर से काफी कम है लिहाजा इसे लगाने में ठेकेदार को लगभग 14 लाख 57 हजार 376 रूपए का नुकसान हो जाता।
  • ठेकेदार फर्म को नुकसान से बचाने और उसे तगड़ा मुनाफा दिलाने के लिए पोलिकार्बोनेट शीट लगाने को कहा गया। इस शीट की एसओआर दर 3 हजार 105 रूपए है जबकि बाजार मूल्य इससे काफी कम 808 रूपए वर्ग मीटर ही है। इस तरह ठेकेदार को 91 लाख 62 हजार 864 रूपए का अनुचित लाभ दिया गया।
  • टेंडर की लागत लगभग 3 करोड़ 62 लाख थी लेकिन जीआई शीट को पोलिकार्बोनेट शीट में बदलने के बाद इसकी लागत लगभग 33 प्रतिशत यानि करीब 1 करोड़ 20 लाख रूपए तक बढ़ गई।
  • इसी काम में सोलर पेनल की ड्राइंग डिजाईन को भी बदलकर ठेकेदार को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया गया।
    (जैसा विधायक द्वारा की गई शिकायत में उल्लेख किया गया है)

चार बिंदुओं पर लोकायुक्त ने मांगी जानकारी

विधायक महेश परमार द्वारा लोकायुक्त को की गई शिकायत के बाद अब लोकायुक्त ने स्मार्ट सिटी कंपनी एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सह नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता को एक पत्र भेजा है। उनसे सरफेस पार्किंग शेड निर्माण की निविदा, अनुबंध, स्वीकृति, डिजाइन, वर्क आर्डर सहित निविदा आमंत्रण से लेकर निविदा स्वीकृति और कार्य के भुगतान से लेकर अब तक हुई समस्त कार्यवाही का ब्यौरा मांगा गया है।

इसके अलावा पोलिकार्बोनेट शीट का सेंपल पीस भी मांगा गया है। पोली कार्बोनेट शीट वाली कंपनी का ब्रोशर, ठेकेदार द्वारा खरीदी गई शीट के चालान की कॉपी और देयक भी मांगे गए है। लोकायुक्त की ओर से कहा गया है कि उपरोक्त सारी जानकारियों के साथ 1 जून को दोपहर 12 बजे खुद आयुक्त को लोकायुक्त महोदय के समक्ष दोपहर 12 बजे उपस्थित होना होगा।

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