तकनीकी खामी के बावजूद यश गोविंद मार्केटिंग को दे दिया सिक्यूरिटी का ठेका

टेंडर में भाग लेने वाली 4 सिक्योरिटी कंपनियों ने प्राचार्य को दर्ज कराई आपत्तियां

उज्जैन, अग्निपथ। शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में सिक्यूरिटी को लेकर अप्रैल माह में टेंडर जारी किया गया था। जिसमें उज्जैन की ही सिक्योरिटी कंपनी को बाले बाले टेंडर की शर्तों का उल्लंघन होने के बावजूद ठेका दे दिया गया। अब चार सिक्योरिटी कंपनियों ने इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य के समक्ष आपत्तियां दर्ज कराई हैं। कंपनियां कलेक्टर के समक्ष भी शिकायत प्रस्तुत करने जा रही हैं।

इंजीनियरिंग कॉलेज से 8 अप्रैल 2022 को सुरक्षा का टेंडर जारी किया गया था। जिसमें आधा दर्जन सिक्योरिटी कंपनियों ने भाग लिया था। लेकिन अंतत: उज्जैन की सिक्योरिटी कंपनी यश गोविंद मार्केटिंग को सिक्योरिटी का ठेका दे दिया गया। जिसको लेकर भोपाल की ईगल सिक्योरिटी और सिंगरौली की भारत सिक्योरिटी कंपनी सहित अन्य दो कंपनियों के संचालकों ने 26 मई को इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य के समक्ष आपत्ति दर्ज कराते हुए आवेदन प्रस्तुत किया। जिसमें बताया गया कि यश गोविंद मार्केटिंग के द्वारा चार सेवा शर्तों का उल्लंघन करने के बावजूद उसको ठेका दे दिया गया।

तकनीकी बीड में सेवा दर अंकित

इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य के समक्ष आपत्ति दर्ज कराते हुए ईगल सिक्योरिटी कंपनी ने कहा कि यश गोविंद मार्केटिंग द्वारा प्रस्तुत टेंडर की तकनीकी बीड मे 4 प्रतिशत दर अंकित की गई है। जबकि सेवा दर.अंकित करना पूर्ण प्रतिबंधित है। ऐसा करने पर चयन समिति को टेंडर तकनीकी स्तर पर ही अमान्य कर देना चाहिए था। जबकि ऐसा नहीं किया जाकर इस सेवा शर्त को स्वीकार कर लिया गया। वहीं संस्था के सीए द्वारा जारी रिटर्न प्रमाण पत्र में वर्ष 2020 -2021 नहीं दर्शाया गया है। जबकि निविदा की शर्त क्रमांक- 10 के अनुसार यह आवश्यक था। इसलिए संस्था की निविदा तकनीकी स्तर पर ही अमान्य की जानी चाहिए थी।

सेवा शुल्क प्रमाण पत्र नहीं दिया

टेंडर प्रपत्र के क्रमांक- 13 में अंकित मध्य प्रदेश कल्याण मंडल को जमा सेवा शुल्क दिसंबर 2021 तक जमा करने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है जो कि सभी कंपनियों का है। ऐसे में चयन समिति के उपर इंजीनियरिंग कालेज के प्राचार्य द्वारा इनकी सिफारिश को मानते हुए टेंडर यश गोविंद मार्केटिंग को दे दिया गया।

सुरक्षा अनुमति नहीं ली गई

यश गोविंद मार्केटिंग के द्वारा दस्तावेजों के आधार पर उनकी सुरक्षा अनुमति (पसारा) को जारी किया गया है। जबकि उनके द्वारा प्रस्तुत अनुबंधों के प्रति अनुसार संस्था पूर्व में भी सुरक्षा सेवा प्रदान करती थी। जो कि पसारा एक्ट-2005 एवं पसारा रूल्स 2012 का उल्लंघन है। क्योंकि पसारा एक्ट की धारा के अनुसार बिना अनुमति के कोई भी संस्था प्रदेश में सुरक्षा संबंधी कार्य नहीं कर सकती है। वहीं संस्था द्वारा दस्तावेजों में पूर्ण निविदा प्रपत्र अपलोड नहीं किया गया है। जो कि नियमानुसार गलत है। दोनों ही कंपनियों ने प्राचार्य से संस्था यश गोविंद मार्केटिंग की निविदा को अमान्य किए जाने का अनुरोध किया है।

इनका कहना है

नियमानुसार संस्था का टेंडर तकनीकी बीड के दौरान ही निरस्त कर देना चाहिए था। लेकिन शर्तों का उल्लंघन करते हुए टैंडर फायनल कर दिया गया। – संजय शर्मा, प्रोपरायटर ईगल सिक्यूरिटी एजेंसी

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