उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में सोमवती अमावस्या पर स्नान के लिए आने वाली भीड़ के मद्देनजर कोई खास इंतजाम नजर नहीं आए। आम दिनों की भांति ही व्यवस्था दिखाई दी। यहां तक कि मंदिर में कोई भी अधिकारी नजर नहीं आया। ऐसे में भीड़ बढ़ती देखकर कंट्रोल रूम से मंदिर परिसर बंद करा दिया गया। भीड़ का आलम यह था कि कई श्रद्धालु गर्मी और उमस के चलते बेहोश तक हो गए।
दो वर्ष बाद सोमवती अमावस्या पर बड़ी संख्या में ग्रामीण सहित शहरी क्षेत्र के श्रद्धालु शिप्रा नदी के घाटों पर पहुंचे थे। आलम यह था कि मिनी सिंहस्थ जैसा नजारा दिखाई दे रहा था। स्नान करने के बाद लोगों ने दान पुण्य किया और देवदर्शन के लिए महाकालेश्वर मंदिर सहित हरसिद्धि मंदिर की ओर प्रस्थान किया। महाकालेश्वर मंदिर में भारी भीड़ का आलम रहा। यहां तक कि सामान्य श्रद्धालुओं की तीन कतारें सुबह से ही चलती रहीं।
गणपति, कार्तिकेय मंडपम में भीड़ ही भीड़ दिखाई दे रही थी। इसको देखते हुए कंट्रोल रूम में बैठे अधिकारियों ने मंदिर परिसर को बंद करवा दिया। भीड़ का सीधे निर्माल्य गेट से बाहर निकाला जा रहा था। कार्तिकेय मंडपम से सीधे चैनल गेट से बाहर निकालने की जगह उनको गणपति मंडपम में प्रवेश दिया जाता रहा। जिसके चलते श्रद्धालुओं की भीड़ खचाखच बेरिकेड्स में भरी हुई थी।
मंदिर परिसर के तीनों लड्डू काउंटर बंद
भीड़ को देखते हुए मंदिर परिसर तो बंद कर दिया गया था। यहां पर मौजूद दो लड्डू प्रसाद काउंटरों को भी इसी कारण से बंद किया गया था। निर्माल्य गेट के पास स्थित लड्डू काउंटर को भी बंद कर दिया गया। जिसके चलते श्रद्धालुओं को लड्डू प्रसाद उपलब्ध नहीं हो पाया। श्रद्धालु सीध्ेा दर्शन के बाद अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करते रहे।
लाइन चलाने वाले रहे नदारद
सामान्य श्रद्धालुओं की तीन लाइनें गणपति मंडपम के बेरिकेड्स से चलाई जाती रहीं। लेकिन इनको चलाने के लिए पर्याप्त संख्या में कर्मचारी और पुलिस कर्मी नहीं लगाए गए थे। ऐसे में भीड़ अमर्यादित होकर बाहर निकलती रहीं। मंदिर परिसर को बंद किए जाने से श्रद्धालुओं को निर्माल्य गेट से बाहर निकाला जा रहा था। कुछ महिला कर्मचारी लाइन चला तो रहीं थी लेकिन भीड़ का व्यवस्थित करने में परेशानी आ रही थी।
नंदीहाल में श्रद्धालुओं की भीड़
नंदीहाल में वीआईपी प्रोटोकाल के तहत श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के लिए वहां पर बैठे तो लेकिन उठने का नाम नहीं ले रहे थे। यहां पर मंदिर का कोई भी कर्मचारी उठाने के लिए नहीं लगाया गया था। भीड़ अपने हिसाब से यहां से दर्शन कर रही थी। मंदिर में कोई भी अधिकारी भीड़ से निपटने के लिए तैनात नजर नहीं आया। हालांकि दर्शन प्रभारी अधिकारी ने गर्भगृह के गलियारे में खड़ी भीड़ को व्यवस्थित करने का प्रयास किया।
सुबह से ठंडा पानी नदारद
अक्सर यह देखने में आता है कि गर्मी के दिनों में श्रद्धालुओं को शीतल पेयजल प्रदान किया जाता है। सोमवार को भी वाटर कूलर से भी ठंडा पेयजल श्रद्धालुओं को उपलब्ध नहीं हो पाया। यह व्यवस्था सुबह से ही ठप पड़ी हुई थी।