माहौल देखकर जांचो से घबरा गए कार्यपालन यंत्री दोराया
उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम में पिछले लगभग एक महीने से जिस तरह का माहौल बना हुआ है, उससे घबराकर एक कार्यपालन यंत्री ने तो सरेंडर ही कर दिया है। गुरूवार को उन्होंने अपनी एक महीने की तनख्वाह जमा कराई, गाड़ी और लैपटॉप जमा कराया और सेवा निवृत्ति का आवेदन देकर घर चले गए।
कार्यपालन यंत्री दिलीप दोराया ने नगर निगम की नौकरी से इस्तीफा दे दिया है। एकाएक दोराया द्वारा इस्तीफा दिए जाने के पीछे दोराया ने कोई ठोस वजह नहीं बताई। नगर निगम में उन्होंने अपने कुछ परिचितों से जरूर बात की। दोराया ने अपने परिचितों को बताया था कि जब से प्रभारी कार्यपालन यंत्री पियूष भार्गव को निलंबित किया गया है, तभी से भार्गव के चार्ज लेने के लिए उन पर दबाव बनाया जा रहा है। दोराया किसी तरह की शिकवे-शिकायत के पचड़े में नहीं पडना चाहते थे लिहाजा इस्तीफा देकर घर बैठना ही उन्होंने उचित समझा। कार्यपालन यंत्री दिलीप दोराया 6 महीने पहले ही संयुक्त संचालक कार्यालय भरतपुरी से नगर निगम में स्थानांतरित किए गए थे। उनकी सेवा निवृत्ति में अभी लगभग डेढ़ साल शेष है।
निगम में बचे दो ही कार्यपालन यंत्री
नगर निगम में अब दो ही कार्यपालन यंत्री अनिल जैन और पी.सी.यादव ही शेष बचे है। कार्यपालन यंत्री अनिल जैन की कार्यप्रणाली वैसे भी आयुक्त अंशुल गुप्ता को रास नहीं आ रही है। दो बार उनके चार्ज बदले जा चुके है। कार्यपालन यंत्री पी.सी.यादव के पास प्रधानमंत्री आवास योजना का बड़ा काम है लिहाजा उन्हें ज्यादा अतिरिक्त प्रभार नहीं दिए जा सकते है। एक महीने में ही कार्यपालन यंत्री दिलीप दोराया और प्रभारी कार्यपालन यंत्री पियूष भार्गव की नगर निगम से बिदाई हो गई है।
पाठक के चैंबर पर जड़वा दिया ताला
नगर निगम के अपर आयुक्त रहे मनोज पाठक को उज्जैन नगर निगम में ज्वाइनिंग नहीं दिए जाने का मुद्दा अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि आयुक्त अंशुल गुप्ता के निर्देश पर गुरूवार दोपहर मनोज पाठक के कार्यालय पर ताला जड़वा दिया गया। एक दिन पहले उनके चैबर मे क्लोज सर्किट कैमरा भी लगवाया गया था। मनोज पाठक को आयुक्त ने उपायुक्त स्थापना पूजा गोयल के माध्यम से एक लेटर जारी करवाया है जिसमें कहा गया है कि आप पहले भोपाल संचालनालय से रीलिव होने का लेटर लेकर आईए तभी आपको उज्जैन नगर निगम में ज्वाइनिंग दी जाएगी।