भस्म आरती में अटेंडर की अनिवार्यता से श्रद्धालु परेशान

सम्मान हो रहा कम: प्रोटोकॉल प्राप्त श्रद्धालुओं के साथ अटेंडर नहीं तो किया जाता परेशान

उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की भस्म आरती का आकर्षण देश सहित विदेश के श्रद्धालुओं में भी है। लेकिन प्रोटोकॉल प्राप्त श्रद्धालुओं के साथ यह विडंबना है कि यदि उनके साथ अटेंडर नहीं होता है तो श्रद्धालुओं को एक तरफ खड़ा कर अन्य श्रद्धालुओं को जाने दिया जाता है। काफी मानमनुहार के बाद में श्रद्धालुओं को भस्म आरती दर्शन के लिए छोड़ा जाता है। जिसके चलते श्रद्धालु तो ठीक प्रोटोकाल अनुमति करवाने वाले के सम्मान को ठेस पहुंचती है।

प्रोटोकॉल प्राप्त श्रद्धालुओं के लिए एक नियम बनाकर रखा गया है। जिसमें प्रोटोकॉल प्राप्त श्रद्धालुओं के साथ उनकी भस्म आरती कराने वाला अटेंडर होना अनिवार्य किया गया है। ऐसे में जब श्रद्धालु भक्त बिना अटेंडर के भस्म आरती करने पहुंचते हैं तो उनको गेट पर ही रोक कर एक तरफ खड़ा कर दिया जाता है और अन्य श्रद्धालुओं को प्रवेश देने के पश्चात अंत में इन श्रद्धालुओं को काफी मानमनुहार के बाद प्रवेश दिया जाता है।

जिसके चलते श्रद्धालु काफी परेशान हो जाते हैं और अटेंडर को देर रात्रि में फोन कर परेशान करते हैं। इस प्रकार की व्यवस्था लागू होने से जहां अटेंडर की रात्रि की नींद हराम होती है, वहीं श्रद्धालु के मन में भी एक गलत संदेश जाता है कि उन्होंने प्रोटोकॉल से भस्म आरती अनुमति करवा कर भस्म आरती दर्शन का सारा आनंद समाप्त कर लिया है। जानकारी में यह तक आया है कि भस्म आरती में तैनात कर्मचारी श्रद्धालुओं को विवाद कर परेशान भी करते हैं।

पंडे पुजारियों के सेवक देते हैं सेवा

प्रोटोकॉल के तहत पंडे पुजारियों की भी भस्मारती की अनुमतियां बनती हैं। लिहाजा अपने यजमान को अटेंड करने के लिए उनकी ओर से एक सेवक भस्म आरती के दौरान मौजूद रहता है जो कि श्रद्धालुओं को उनके बैठने के लिए स्थल तक पहुंचाने की व्यवस्था करता है। लेकिन इनके अतिरिक्त जो अन्य प्रोटोकॉल प्राप्त श्रद्धालु रहते हैं उनके कोई सेवक तो मौजूद रहते नहीं हैं। लिहाजा उन श्रद्धालुओं को अव्यवस्था का शिकार होना पड़ता है।

ऑनलाइन ऑफलाइन को जरूरत नहीं

ऐसे श्रद्धालु जो कि ऑनलाइन और ऑफलाइन भस्म आरती अनुमति बनवाते हैं, इन श्रद्धालुओं को अटेंडर नहीं रखने की छूट है। क्योंकि श्रद्धालु स्वयं भस्मारती अनुमति करवाता है। लिहाजा इन श्रद्धालुओं को लाइन में लगकर भस्म आरती दर्शन का लाभ प्राप्त हो जाता है।

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