किराए पर भी देता था बैंक अकाउंट, 40 लाख का ट्रांजेक्शन मिला, साथी की तलाश
उज्जैन,अग्निपथ। राज्य साइबर सेल इंश्योरेंस पॉलिसी अपडेट करने के नाम पर लाखों रुपए ठगने के आरोपी दिल्ली से पकडक़र लाई है। पूछताछ के बाद सेल ने उसे सोमवार को जेल भेज दिया। मामले में पुलिस को उसके साथी की तलाश है। खास बात यह है कि वह ठगी के लिए अपना अकाउंट भी किराए से देता था।
घटनानुसार रतलाम स्थित ग्राम कुमारिया कलां निवासी अनवर हुसैन आबेदिन की विभिन्न इंश्योरेंस कंपनी में पॉलिसी है। वर्ष 2021 में इंश्योरेंस पॉलिसी अपडेट करने के नाम पर अज्ञात व्यक्ति ने 4 लाख 33 हजार 354 रुपए की ठगी की थी। अक्टॅूबर 2021 में मामला सामने आने पर सेल ने केस दर्ज कर खोजबीन की।
पता चला ठगी दिल्ली स्थित टिकरीखुर्द स्थित नरेला के हेमराज पिता रमेशचंद्र शर्मा (32) ने की थी। इस पर टीम ने पांच दिन एनसीआर,नोएडा, गुडग़ांव, गाजियाबाद में उसे खोजा और नरेला से दबोचकर ले आई। पूछताछ पता चला उसके साथ वारदात में गौतम कुशवाह भी शामिल है। जानकारी के बाद टीम ने सोमवार को हेमराज को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। टीम अब गौतम को तलाशने जाएगी।
ऐसे बनाया था शिकार
राज्य साइबर सेल रिकार्डनुसार अनवर को अज्ञात व्यक्ति ने वर्ष 2021 में आईआरडीएसआई (इंश्योरेंस रेग्यूलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) का अधिकारी दर्शाते हुए काल किया। बताया कि पॉलिसी पर एजेँट की आईडी होने से लाखों रुपए एजेंट को मिल रहे है। सभी लाभ चाहिए तो आईआरडीएसआई में राशि जमा कराए। उक्त रुपए वापस मिल जाएंगे।
झांसे में आकर अनवर ने चार पॉलिसी के बदले 4 लाख 33 हजार 354 रुपए जमा करा दिए। राशि वापस नहीं मिलने पर इंश्योरेंस प्रोवाइडर से मिला। ठगी का एहसास होने पर शिकायत की। मामले में धोखाधड़ी व आईटी एक्ट में केस दर्ज कर खोजबीन की और पांच दिन की मशक्कत के बाद वह गिरफ्त में आ गया।
ऐसे बचे अब तक
डिजिटल व अन्य तकनीक जांच के बाद हेमराज की ठग के रुप में पहचान होने पर एसआई अमित परिहार,एएसआई हरेंद्रपाल सिंह राठौर,प्रआ.कमलाकर उपाध्याय ने पांच दिन मशक्कत कर उसे पकड़ा। गिर त में आए हेमराज ने कबूला कि वह इंश्योरेंस ऑफिस व लोन के कॉल सेंटर के नाम से लोगों को कॉल कर फांसते थे। पकड़ाने से बचने के लिए किराए के मकान बदलते रहते थे। टीम को जांच में टीम उसके अन्य शिकारों का भी पता लगा रही है।
खाते भी किराए पर
सेल निरीक्षक रीमा यादव कुरील ने बताया कि हेमराज आठ साल पुराने पते के आधार पर बैंकों में ट्रेवल एजेंट बनकर खाते खुलवाता था। बड़ी राशि होने पर चेक से और छोटी रकम एटीम से निकालने के बाद गौतम और वह राशि बांट लेते थे। खाते सीज होने पर दूसरी बैंक में खाते खोल लेते थे। अन्य साइबर ठगों को जरुरत होने पर ढाई फीसदी पर खाता भी किराए से देते थे। उसके खातों में 40 लाख का ट्रांजेक्शन मिला है।