बिना रजिस्ट्रेशन बोरिंग करने पर लगेगा जुर्माना, राजसात हो सकता है वाहन
उज्जैन, अग्निपथ। केंद्र सरकार के एक आदेश के बाद नगर निगम उज्जैन में सभी बोरिंग मशीन संचालकों के लिए नगर निगम में रजिस्ट्रेशन कराने का संकल्प पारित किया गया है।
नगर निगम सीमा में अब वहीं मशीन बोर खनन के उपयोग में लाई जा सकेगी, जिसका नगर निगम में रजिस्ट्रेशन होगा। मशीन संचालक को हर महीने शहर में किए गए बोर खनन की जानकारी भी नगर निगम को देना अनिवार्य होगा।
नगर निगम प्रशासक सह संभागायुक्त संदीप यादव ने यह संकल्प पारित किया है। दरअसल, केंद्र सरकार ने पिछले दिनों नगरीय निकाय क्षेत्रों में बोरिंग खनन से संबंधित एनओसी की बाध्यता को समाप्त करते हुए नगरीय निकायों को ही ड्रिलिंग मशीन के पंजीयन और बोर खनन का डाटा केंद्रीय भू-जल प्राधिकरण को देने का दायित्व सौंपा है। केंद्र के इसी आदेश के बाद नगर निगम प्रशासक ने ड्रिलिंग मशीन पंजीयन का संकल्प पारित किया है। उज्जैन नगर निगम क्षेत्र में बोर खनन के लिए जितनी भी मशीनें पंजीकृत होंगी, उन सभी से होने वाले बोर खनन की जानकारी मशीन मालिक को हर महीने नगर निगम को देना होगी। पीएचई मुख्यालय चामुंडा माता चौराहा पर मशीन के पंजीयन की व्यवस्था शुरू भी कर दी गई है।
बोर खनन के नए नियम
- शहरी क्षेत्र में केवल वही मशीन बोर खनन कर सकेगी जिसका नगर निगम उज्जैन में पंजीयन होगा।
- मशीन का पंजीयन कराने के लिए मशीन मालिक को 25 हजार रूपए का शुल्क चुकाना होगा।
- पंजीयन एक साल के लिए होगा, इसे 3 साल तक रिन्यूअल कराया जा सकेगा। रिन्यूअल की फीस 15 हजार रूपए साल रहेगी।
- तीन साल के बाद पंजीयन शुल्क में 10 प्रतिशत की वृद्धि हो जाएगी, यह वृद्धि हर तीन साल के लिए लागू होगी।
- पीएचई और नगर निगम के अधिकारी बोरिंग मशीन पर निगरानी रखेंगे, बिना पंजीयन वाली मशीन से बोर खनन पाए जाने पर पहली बार में 25 हजार रूपए जुर्माना होगा।
- बिना पंजीयन वाली मशीन से दूसरी बार बोर खनन पाए जाने पर जुर्माना 50 हजार रुपए हो जाएगा और तीसरी बार पकड़े जाने पर मशीन राजसात कर ली जाएगी।
- नगरीय क्षेत्र में अपने प्लॉट या मकान पर बोर खनन कराने वालों को अनुमति देने की व्यवस्था क्या होगी यह फिलहाल स्पष्ट नहीं है।