मतदाता सूचियों में गड़बड़ी, कई अतिरिक्त नाम जुड़े मतदान का प्रतिशत हो सकता है प्रभावित

सुसनेर, अग्निपथ। नगरीय निकाय के अगले माह होने वाले चुनाव में इस बार मतदान का प्रतिशत प्रशासनिक खामियों के चलते अपेक्षा से कम हो सकता है। क्योंकि इस बार मतदाता सूची के पुनरीक्षण के बाद भी इनमें कई तरह की गड़बडिय़ां सामने आ रही है।

इस बार मतदाता सूची में कई नाम ऐसे भी जुडे हुए जो कई वर्षों पहले नगर छोड़ चुके है। कुछ कर्मचारियों के स्थानांतरण हो चुके है तो कुछ महिला मतदाताओं के विवाह होने से उनका मतदान क्षेत्र बदल चुका है। कुछ लोगों की मृत्यु हो चुकी है तो कुछ मतदाताओं के नाम दो बार जुड गए है। ऐसे में नगर निकाय में कुल मतदाताओं की संख्या वास्तविक संख्या से भिन्न हो गई है। ऐसे में निर्वाचन आयोग के द्वारा शत प्रतिशत मतदान के लिए किए जाने वाले प्रयास शुरू में अपने लक्ष्य को पूरा करने में असफल होते नजर आ रहे है।

निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक इस बार नगर परिषद सुसनेर में कुल 15 वार्ड में 12 हजार 846 मतदाता दर्ज हैं। इस बार चुनाव अपनी निर्धारित समयावधि से करीब ढाई साल देरी से कराए जा रहे है। ऐसे में मतदाताओं सूची में नाम जोडने-घटाने के साथ पुनरीक्षण का कार्य दो बार हो चुका है। उसके बावजूद भी इस तरह की त्रुटिया देखने को मिल रही है।

फर्जी मतदान की रह सकती है संभावना

मतदाता सूची में इस तरह की त्रुटियां सामने आने के बाद मतदान के दौरान फर्जी मतदान होने की आशंका भी जताई जा रही है। ऐसे में फर्जी मतदान न हो इसके लिए प्रशासनिक अमले को ज्यादा सतर्क होने की जरूरत होगी। मतदान प्रतिशत बढाने और फर्जी मतदान रोकने दोनों स्थितियो में निर्वाचन आयोग की अपेक्षाओं की उपेक्षा होने की संभावना नजर आ रही है।

स्थानांतरण हो चुके कर्मचारियों के जुडे है नाम

नगर में वैसे तो कुल 15 वार्ड है। और लगभग सभी वार्डो की मतदाताओ सूचीयो के यही हाल है। लेकिन उदाहरण के तौर पर अगर वार्ड 12 की सूची को ही देखा जाए तो उसमे 205 नम्बर पर पिछले वर्ष सेवानिवृत्त होकर अन्यत्र जा चुके तत्कालीन एसडीएम केएल यादव और 65 नंबर पर कई वर्षो पहले स्थानांतरित हो चुके तत्कालीन थाना प्रभारी डीएस पुरोहित सहित कई नाम सूची में आज भी दर्ज है। जिनको पुनरीक्षण के दौरान निरस्त नहीं किया गया है। इसी प्रकार और भी कई नामों को लेकर त्रुिटयां मतदाता सूचीयों में देखने को मिल सकती है।

इनका कहना

मतदाता सूची पुनरीक्षण किया गया था। घर-घर जाकर जानकारी लेने की जिम्मेदारी अधिकृत अधिकारी की थी। अगर नामों की छंटनी नहीं हुई है तो मतदान प्रतिशत जरूर प्रभावित हो सकता है। लेकिन अब कुछ नहीं किया जा सकता है। निर्वाचन आयोग के द्वारा निर्धारित नियमों के पालन के बाद फर्जी मतदान होने की संभावना नहीं रहती है। फिर भी फर्जी मतदान न हो इसके लिए हमारे द्वारा पूरी सर्तकता बरती जाएगी।

– सोहन कनास, रिटर्निंग अािफसर एवं एसडीएम सुसनेर

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