सवारी में महाकाल की पालकी की बढ़ायेंगे ऊंचाई

ताकि श्रद्धालुओं को आसानी से हो सकें दर्शन

उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर से श्रावण भादौ मास में निकाले जाने वाली महाकाल सवारी में पालकी की ऊंचाई बढ़ाई जाएगी। ऊंचाई बढऩे से श्रद्धालुओं को आसानी से भगवान महाकाल के दर्शन हो सकेंगे। इस संबंध में अगले 10 दिन में मंदिर के पुजारी पुरोहितों के साथ बैठक कर प्रशासक कलेक्टर को प्रस्ताव देंगे। इस बार श्रावण मास की शुरुआत 14 जुलाई से हो रही है। बाबा महाकाल की पहली सवारी 18 जुलाई को निकलेगी।

श्री महाकालेश्वर मंदिर से श्रावण भादौ और कार्तिक मास में भगवान चांदी की पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलते हैं। सवारी निकलने के दौरान हजारों श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन लाभ लेते हैं। मंदिर प्रबंध समिति की बुधवार को ही बैठक में यह बिंदु भी रखा गया था कि सवारी निकलने के दौरान आम श्रद्धालुओं को पालकी की ऊंचाई कम होने के कारण दर्शन लाभ नहीं मिल पाते हैं। इसके लिए भगवान महाकाल की पालकी की ऊंचाई बढ़ाई जाए। इस मामले में कलेक्टर आशीष सिंह ने प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ को निर्देशित किया है कि अगले 10 दिन में मंदिर के पुजारी और पुरोहितों के साथ बैठक कर पालकी की ऊंचाई कितनी बढ़ाई जाए और किस तरह बढ़ाई जाए, इस पर चर्चा कर सहमति बनाने के बाद प्रस्ताव दें। इसके बाद इस मामले में निर्णय लिया जाएगा।

पालकी वाहन पर निकालने पर भी होगा मंथन

भगवान महाकाल की सवारी के दौरान जिस पालकी में भगवान महाकाल को विराजित किया जाता है। उस पालकी की ऊंचाई बढ़ाने के बाद भ्रमण के लिए वाहन पर रखकर निकालने पर भी निर्णय हो सकता है। इस मामले में भी पुजारी पुरोहितों की बैठक में ही चर्चा के बाद निर्णय लिया जाएगा। कलेक्टर आशीष सिंह ने सावन मास की सवारी निकलने के पहले श्री महाकालेश्वर मंदिर के सामने की ओर चल रहे निर्माण कार्य को पूर्ण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं।

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