महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति सदस्यों ने संस्कृत महाविद्यालय प्राचार्य को संचालक नियुक्त करने पर दिया सुझाव
उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर के प्रकल्प वैदिक शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान का संचालन ठीक तरह से नहीं हो रहा है। इसको लेकर मंदिर प्रबंध समिति के सदस्यों ने अपना सुझाव दिया है। जिसमें संस्कृत महाविद्यालय की प्राचार्य को यहां का संचालन सौंपने के बारे में राय प्रकट की गई है।
वैदिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान में अनियमितताओं के चलते मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ द्वारा त्रिवेणी संग्रहालय के प्रबंधक भावना व्यास और मंदिर कर्मचारी मेघा द्विवेदी को यहां के प्राचार्य और उप प्राचार्य पद का अस्थाई प्रभार सौंप दिया गया था। उनको यहां की अनियमितताओं के बारे में जानकारी एकत्रित कर धाकड़ को सौंपने के लिए ७ दिन का समय दिया गया था। इसको लेकर मंदिर समिति सदस्य पुजारी प्रदीप गुरु, राम गुरु और राजेंद्र शर्मा ने महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति को सुझाव दिया है कि वैदिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के संचालन में आर्थिक रूप से महाकालेश्वर मंदिर पर अत्यधिक भार पड़ रहा है। ऐसे में जिस तरह से पूर्व में संस्कृत महाविद्यालय की प्राचार्य को यहां के संचालन की अतिरिक्त जवाबदारी सौंपी गई थी उसी तरह से वर्तमान समय में भी संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य को संचालन का कार्यभार दिया जाना चाहिए।
7 दिन बाद आएगी जांच रिपोर्ट
वैदिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के वर्तमान निदेशक और संचालक पीयूष त्रिपाठी के कार्यकाल की जांच के लिए उक्त दोनों महिलाओं को उनकी जांच के लिए ७ दिन का समय दिया गया। जिसमें से ३ से ४ दिन का समय बीत चुका है। वैदिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान में ऐसा क्या हो गया कि महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा उनकी जांच का निर्णय लिया गया है। ७ दिन बीतने के बाद ही इस बात का पता चलेगा कि वैदिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान पर आखिरकार इतना आर्थिक भार क्यों आ रहा है।