गिरी और जाटवा के लिए जमकर हो रही लाबिंग, नाम बदलवाने पर अड़े नेता
उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन में भाजपा की ओर से महापौर प्रत्याशी के रूप में मुकेश टटवाल का नाम सामने आने के 48 घंटे की अवधि में कई सारे समीकरण बदल गए है। उज्जैन से मुकेश टटवाल का नाम फाइनल होने की स्थिति के बीच स्थानीय नेताओं के बीच मतभेद उभरकर सामने आए है और अब नाम बदलने तक की चर्चा चल पड़ी है।
भोपाल में शनिवार को प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के दौरान उज्जैन से महापौर प्रत्याशी तय करने की बात चली तो सिंगल नाम के रूप में मुकेश टटवाल की दावेदारी पर ही चर्चा की गई। उज्जैन के प्रभावशाली भाजपा नेताओं तक जब यह खबर पहुंची तो उनके कान खड़े हो गए। स्थानीय स्तर से 5 से 6 उम्मीदवारों की सूची बनाकर प्रदेश कार्यालय में भेजी गई थी। उज्जैन से भोपाल के बीच 5 नाम परवारे ही कम हो गए।
जैसे ही मुकेश टटवाल का नाम फाइनल होने की स्थिति में आया, स्थानीय स्तर के कुछ नेताओं ने अपनी आपत्तियां भी लगा दी। भाजपा से जुड़े सूत्र बताते है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वी.डी. शर्मा खुद उज्जैन से पूर्व जिला महामंत्री सुरेश गिरी को उम्मीदवार बनवाना चाहते थे। सुरेश गिरी और वीडी शर्मा ने पूर्व में साथ-साथ संगठन के लिए काम किया है। पुराने संबधो की वजह से वे सुरेश गिरी के नाम को आगे कर रहे है।
रविवार को वीडी शर्मा, सुरेश गिरी को साथ लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मिले थे। दूसरी तरफ भाजपा से जुड़ी एक और खबर है कि मुकेश टटवाल का नाम फाइनल होने की अटकलों से ही स्थानीय मंत्री का खेमा भी नाराज हो गया है। इस खेमे की तरफ से डा. प्रभुलाल जाटवा को उम्मीदवार बनाने के लिए नागपुर तक जोर लगाया गया है। यहीं वजह रही कि उज्जैन से सिंगल नाम तय होने के बाद भी इसकी घोषणा नहीं हो सकी है।
ये अंदर की बात है
रविवार की शाम उत्तर क्षेत्र के उत्तम बस्ती वाले आवास पर उत्तरी वार्डो के पार्षदों के नाम तय करने के लिए एक बैठक रखी गई थी। इस बैठक में उत्तर के चंद नेता और भाजपा नगर अध्यक्ष विवेक जोशी भी शामिल हुए थे। उत्तर वाले नयापुरा के पूर्व निवासी और फिलहाल दक्षिणवासी नेताजी को इस बैठक की खबर लगी तो वे भी वहां पहुंच गए। उक्त नेता ने इस बैठक पर ही सवाल खडे कर दिए। उनका कहना था कि उत्तर के टिकट आप हमसे रायशुमारी के बिना कैसे तय कर सकते है, भविष्य में हमें भी यहां से विधानसभा चुनाव लडऩा है। सूत्र बताते है कि उत्तम बस्ती के पहलवान नेताजी और नयापुरा के पूर्व निवासी के बीच जमकर तीखी बहस हुई। बैठक में शामिल नेताओं को इन्हें शांत करना पड़ा। इसके बाद इस बैठक में किसी भी वार्ड के दावेदार पर कोई बात नहीं हुई।