जिला और मंदिर प्रशासन की पहल रंग लाई, दलाली पर लगेगा अंकुश
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में चलित भस्म आरती दर्शन करने के पहले दिन का ट्रायल सफल सिद्ध हुआ। सोमवार सुबह बिना अनुमति नि:शुल्क चलायमान दर्शन व्यवस्था के तहत करीब 5000 से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन लाभ लिए। क्षण भर के दर्शन के बाद भी श्रद्धालुओं में उत्साह देखा गया। श्रद्धालुओं ने कहा हम तो एक झलक दर्शन कर अभिूभूत हो गए। श्री महाकालेश्वर मंदिर में कलेक्टर आशीष सिंह और मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ की पहल पर सोमवार से ऐसे श्रद्धालु जो भस्मारती अनुमति नहीं ले सके, उनके लिए चलते हुए दर्शन करने की व्यवस्था शुरू हुई। पहले दिन ही श्रद्धालुओं में बाबा महाकाल के भस्म आरती के दौरान दर्शन को लेकर उत्साह रहा। इस व्यवस्था से जहां एक ओर दलाली प्रथा पर अंकुश लगेगा, वहीं दूसर ओर शीघ्र अपने गंतव्य की ओर जाने वाले श्रद्धालु दर्शन लाभ ले सकेंगे।
जिला और मंदिर प्रशासन की पहल रंग लाई। पहले ही दिन करीब 5000 से अधिक श्रद्धालुओं को चलायमान व्यवस्था के तहत नि:शुल्क भस्मारती दर्शन करने का अवसर प्राप्त हुआ। सुबह व्यवस्था के लिए मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जोनवाल मौजूद रहे। मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ भी लगातार मंदिर के अधिकारियों और कर्मचारियों के संपर्क में रहे। अधिकारियों ने बताया कि मंदिर प्रशासक श्री धाकड़ ने बताया कि पूर्व से ही दर्शन व्यवस्था के लिए तैयारी कर ली गई थी। मंदिर प्रशासक श्री धाकड़ ने रविवार को दर्शन व्यवस्था का निरीक्षण कर लिया था।
चलायमान दर्शन से मिली संतुष्टि
भगवान महाकाल के दरबार में आने वाले देश भर के श्रद्धालुओं की कामना रहती है कि सुबह होने वाली भस्म आरती के दर्शन करें। सोमवार सुबह बिना अनुमति नि:शुल्क दर्शन कर खुश हुए। गौरतलब है कि भस्म आरती के लिए मंदिर में सीमित स्थान के कारण श्रद्धालुओं को सीमित संख्या में अनुमति मिल पाती है। ऐसे में चलायमान दर्शन व्यवस्था करने से वे श्रद्धालु जोकि अनुमति नहीं बनवा पाते हैं अथवा देर से भगवान महाकाल के दरबार में पहुंचते हैं उनको त्वरित भगवान की महाकाल के भस्म आरती के दर्शन हो रहे हैं। सिंहस्थ- 2016 के बाद यह दूसरा अवसर है जब चलायमान दर्शन व्यवस्था के तहत श्रद्धालुओं को भस्म आरती दर्शन कराए गए हों।
दलालों के टूटेंगे मंसूबे
श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्मारती अनुमति के दुरुपयोग के समाचार प्रकाश में आते रहे हैं। भस्मारती अनुमति बेचते कभी कोई दलाल पकडय़ा तो कभी कोई और। मंदिर प्रबंध समिति भी ऐसे दलालों को पुलिस की सुपुर्दगी में देते देते परेशानी हो गई थी। कभी कभार श्रद्धालु भी अपने कहे से मुकर जाते थे। ऐसे में चलायमान भस्मारती दर्शन व्यवस्था हो जाने से श्रद्धालु भस्मारती अनुमति अधिक पैसों में खरीदने की जगह इसका लाभ लेना ज्यादा उचित समझेंगे। जिला और मंदिर प्रशासन की दूरदृष्टि से अब श्रद्धालु अब दलालों के चंगुल से भी बच पाएंगे।
भीड़ बढ़ी तो जिगजैग
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अधिकारियों ने आम श्रद्धालुओं के लिए भस्म आरती के दौरान सुबह 4.30 बजे श्रद्धालुओं का प्रवेश देने की व्यवस्था शुरू की थी। श्रद्धालुओं को फैसिलिटी सेंटर से प्रवेश लेकर भीड़ बढऩे पर जिगजैग में घुमाया जा रहा था और उसके बाद यहां से सीधे कार्तिकेय मंडपम में दर्शन के लिए पहुंचाया जाता रहा।
इनका कहना है
पहले दिन चलायमान भस्मारती दर्शन व्यवस्था का ट्रायल सफल रहा। आगे भी इसे जारी रखा जाएगा। – गणेश कुमार धाकड़, प्रशासक श्री महाकालेश्वर मंदिर