मामला पंजीयक कार्यालय नलखेड़ा का
नलखेड़ा। समीपस्थ ग्राम कुशलपुरा स्थित एक भूमि पर व्यवहार न्यायालय नलखेड़ा द्वारा स्थगन आदेश देने व संबंधित व्यक्ति द्वारा जिला पंजीयक कार्यालय व नलखेड़ा में स्थित उप पंजीयक कार्यालय में आपत्ति पेश करने के बाद भी उपपंजीयक द्वारा तमाम नियम कानून कायदों को ताक में रखते हुए उक्त वादग्रस्त भूमि की रजिस्ट्री करने का मामला प्रकाश में आया है।
जानकारी देते हुए आपत्तिकर्ता धापू बाई पति अशोक निवासी ग्राम कुशलपुरा ने बताया कि ग्राम कुशलपुरा में स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 582/1 रकबा 1.36 भूमि का प्रकरण सिविल न्यायालय नलखेड़ा में विचाराधीन है प्रकरण में आपत्ति कर्ता धापूबाई द्वारा द्वारा न्यायालय में स्थाई निषेधाज्ञा हेतु एक वाद 26 मार्च 2022 को प्रस्तुत किया था वादग्रस्त भूमि पर सिविल न्यायालय नलखेड़ा द्वारा 26 मार्च को ही स्थगन आदेश प्रदान करते हुए वादग्रस्त भूमि के क्रय विक्रय पर रोक लगाई गई थी। जिसकी एक प्रति आपत्ती आवेदन के साथ लगाते हुए धापूबाई द्वारा पंजीयक कार्यालय नलखेड़ा में आपत्ति हेतु 31 मार्च 2022 को जिला पंजीयक कार्यालय एवं नलखेड़ा स्थित तहसील पंजीयक कार्यालय में पेश कर प्राप्ति भी ली गई थी लेकिन उसके बाद भी उप पंजीयक कार्यालय में पदस्थ उप पंजीयक मनोहरदास बैरागी द्वारा तमाम नियम कानून कायदों को धत्ता बताते हुए सिविल न्यायालय नलखेड़ा के आदेश की अवहेलना करते हुए वादग्रस्त भूमि की 28 अप्रैल 2022 को रजिस्ट्री कर दी गई।
आपत्तिकर्ता धापूबाई ने बताया कि उक्त संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री जिला कलेक्टर को भी शिकायती आवेदन देकर अवगत कराया गया है। अब देखना है कि कोर्ट की अवहेलना करने पर पंजीयक कार्यालय में पदस्थ उप पंजीयक पर क्या कार्रवाई होती है।
इस संबंध में पंजीयक कार्यालय नलखेड़ा के उप पंजीयक मनोहरदास बैरागी से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि न्यायालय द्वारा हमें समन जारी नहीं किया गया था अगर न्यायालय पंजीयक कार्यालय के नाम से समन जारी करते तो रजिस्ट्री नहीं होती।