उज्जैन। पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया पर रेलवे से संबंधित कुछ मैसेज जमकर वायरल हो रहे है। इन मैसेज में लिखा जा रहा है कि रेलवे एक जुलाई से 53 श्रेणियों के यात्रियों को टिकट किराए में फिर से छूट देने जा रही है। 60 साल से ज्यादा उम्र वाले पुरुषो को किराए में 40 प्रतिशत और 58 साल से अधिक उम्र वाली महिलाओं को किराए में 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
यदि आपके पास भी किसी सोशल मीडिया एप के जरिए इस तरह के मैसेज पहुंचे है तो इन्हें नजरअंदाज कर दिजिए। रेलवे ने ऐसा कोई फैसला किया ही नहीं है। सोशल मीडिया में भ्रामक जानकारी वाले मैसेज लोग जमकर फारवर्ड भी कर रहे है। कई तो केंद्र सरकार को बधाई तक देने लगे है। इस अफवाह की शुरूआत एक वेबसाइट पर डाली गई खबर से हुई। इस वेबसाइट ने बिना तथ्यों की जांच किए रेल यात्रियों को टिकट किराए में छूट दिए जाने की खबर प्रकाशित कर दी।
आधी हकीकत आधा फसाना
रेलवे द्वारा किराया राशि पर कुछ विशेष तरह के लोगों को छूट देने की योजना पुरानी है। इसे कभी निरस्त नहीं किया गया। रेलवे द्वारा 53 श्रेणी के यात्रियों को 25 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक की छूट दी जाती है। हर श्रेणी के लिए नियम तय है। टिकट में छूट केवल केवल मूल किराए पर ही लागू होती है। रेलवे विकलांग यात्रियों, कैंसर, हार्ट, किडनी, थैलीसीमिया, टीबी, एड्स इत्यादि के मरीजों, वरिष्ठ नागरिकों, अवॉर्ड प्राप्त करने वालों, युद्ध में शहीद हुए जवान की पत्नी, कुछ विशेष श्रेणी के छात्रों और किसानों, कलाकारों, पत्रकारों तथा खिलाडिय़ों, मेडिकल प्रोफेशनल्स एवं अन्य को किराए में छूट देती है। लेकिन 19 मार्च 2020 से ही रेलवे ने विकलांग श्रेणी में 4 और मरीजो व छात्रों की श्रेणी में 11 तरह के यात्रियों के अलावा अन्य सभी श्रेणियों के यात्रियों को किराए में छूट देने पर रोक लगा रखी है। यह रोक अगले आदेश तक जारी ही रहने वाली है।
इनका कहना
रेलवे ने फिलहाल विशेष श्रेणी वाले यात्रियों के लिए किराए में छूट को दोबारा लागू करने का कोई फैसला नहीं किया है। सोशल मीडिया पर 1 जुलाई से दोबारा रियायती टिकट मिलने वाली जानकारी भ्रामक है। रियायत संबंधी कोई नया आदेश जारी नहीं हुआ है।
– खेमराज मीणा, पीआरओ पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल