उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में अब श्रद्धालुओं को संध्याकाल से शयन आरती तक भगवान महाकाल के गर्भगृह से दर्शन मिलेंगे। इसकी शुरुआत गुरुवार शाम 8.15 बजे से कर दी गई थी। वहीं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवीन्द्रपुरी महाराज पूजन अभिषेक के लिए पहुंचे थे। उन्होंने गर्भगृह से दर्शन किए। उनके साथ अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरिगिरी भी मौजूद रहे।
महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन ने पहले से ही इसकी योजना बना ली थी कि दिन में तो ठीक शाम से शयन आरती तक भगवान महाकाल के दर्शन आम श्रद्धालुओं को होना चाहिए। इसके लिए गुरुवार को एसओपी जारी कर दी और संध्याकालीन आरती के बाद 8.15 बजे से आम श्रद्धालुओं के गर्भगृह से दर्शन शुरू करवा दिए गए। वहीं दिन में भी आम श्रद्धालुओं को दोपहर 1 बजे के बाद गर्भगृह से दर्शन करवाए गए थे। इस तरह से नई परिपाटी शुरू होने से आम श्रद्धालुओं को देर तक भगवान महाकाल के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा। हालांकि यह दर्शन व्यवस्था भीड़ को देखकर की जाएगी।
प्रशासन को दिया धन्यवाद
श्रीमहंत रवीन्द्रपुरी और हरिगिरी जी ने गर्भगृह से अभिषेक पूजन किया। पश्चात दोनों का सम्मान नंदीहाल में मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ द्वारा किया गया। इसके बाद दोनों ने मंदिर के निर्माण कार्यों का जायजा लिया। मीडिया से चर्चा में रवींद्रपुरी महाराज ने कहा कि उन्होंने मंदिर समिति व कलेक्टर से आग्रह किया था कि गरीब व्यक्ति को बगैर टिकट के गर्भगृह में प्रवेश दिया जाए। उनकी मांग मान ली गई है। इसलिए कलेक्टर व मंदिर समिति को धन्यवाद। इसके साथ ही ओंकारेश्वर में बन रही शंकराचार्य की मूर्ति के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने सिंहस्थ क्षेत्र में फैल रहे अतिक्रमण पर कहा कि वे मौके पर पहुंचकर आवाज उठाएंगे। वहीं महाकाल मंदिर के विकास कार्यों की भी उन्होंने प्रशंसा की।
चलायमान भस्मारती का नाम बदलने का सुझाव
जिला और मंदिर प्रशासन ने चलायमान दर्शन व्यवस्था तो शुरू कर दी है। इसके परिणाम भी काफी सकारात्मक आ रहे हैं। लेकिन चलायमान भस्मारती समीक्षा बैठक में इस नाम पर आपत्ति मंदिर समिति सदस्य ने ली है। उनका कहना है कि श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के दर्शन तो हो रहे हैं। लेकिन वे भस्मारती नहीं देख पा रहे हैं। इसलिए इसका नाम चलायमान दर्शन व्यवस्था होना चाहिए। भस्मारती का नाम इसमें नहीं जोड़ा जाना चाहिए। वहीं सुबह 6 बजे के बाद इन श्रद्धालुओं के कारण वेटिंग एरिये में जो भीड़ उमड़ रही है। उसका दबाव भी काफी बढ़ रहा है।