निगम अधिकारियों पर भडक़े साधु-संत, हाथ जोडक़र मनाया
उज्जैन, अग्निपथ। शहर में सीवरेज लाईन डालने का काम करने वाली टाटा प्रोजेक्ट्स कंपनी और नगर निगम अधिकारियों की एक बड़ी चूक सामने आई है।
शिप्रा के पार सिंहस्थ क्षेत्र में भूखी माता से सदावल के बीच सीवरेज लाईन डालने के लिए कंपनी ने जूना अखाड़े की जमीन पर खुदाई कर दी। खास बात यह है कि खुदाई से पहले न तो जूना अखाड़े को इसकी सूचना दी गई और न ही उनसे किसी तरह की अनुमति ली गई। टाटा और निगम अधिकारियों की इस गलती पर साधु-संत भडक़ गए। सीवरेज लाइन का काम रूकवा दिया और गड्ढों को दोबारा भरवाना शुरू कर दिया। नगर निगम अपर आयुक्त और अधीक्षण यंत्री पहुंचे, संतो से बात की। हाथ जोडक़र उन्हें मनाया और लापरवाह लोगों के खिलाफ कार्यवाही का भरोसा दिया तब कहीं साधु-संत माने।
कार्तिक मेला क्षेत्र से धरमबढ़ला तक के हिस्से में सिंहस्थ के दौरान शैव अखाड़ो के साधु-संतो के शिविर लगाए जाते है। बडऩगर रोड़ पर दोनो तरफ शैव अखाड़ो के स्वामित्व की जमीन है। सीवरेज लाइन डालने वाली टाटा कंपनी ने यहां जूना अखाड़े के स्वामित्व की सर्वे नंबर 2746 की जमीन पर परवारे ही खुदाई शुरू करवा दी। बिना अखाड़े की जानकारी में लाए या बिना अखाड़े को सूचना दिए ही यह काम शुरू करवा दिया गया था।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरिगिरी जी और अध्यक्ष रविंद्र पुरी जी इन दिनों उज्जैन प्रवास पर है। इन दोनों ही संतो को जूना अखाड़े की जमीन पर बिना अनुमति खुदाई किए जाने की जानकारी लगी तो शैव अखाड़ो के अन्य साधु-संतो के साथ दोनों ही संत बडऩगर रोड पर पहुंच गए। दोनों ही संतो ने लाइन डालने का काम रूकवा दिया। शैव साधु-संतो ने नगर निगम के अधिकारियों को भी मौके पर बुलवाया। नगर निगम के अपर आयुक्त आदित्य नागर और अधीक्षण यंत्री जी.के. कंठिल भी मौके पर पहुंचे। इनसे संतो ने सवाल किया- किसी की निजी जमीन पर जमीन मालिक की अनुमति के बिना आप खुदाई कैसे करवा सकते है? दोनों ही अधिकारियों के पास इसका कोई जवाब नहीं था।
पंच दशनाम जूना अखाड़ा की तरफ से दत्त अखाड़े के गादीपति पीर सुंदरपुरी जी महाराज की तरफ से नगर निगम आयुक्त को इस मामले में लिखित शिकायत भी की गई है। अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री हरिगिरी जी महाराज ने बताया कि सीवरेज लाइन डालने के काम में उज्जैन में बहुत से लापरवाहिया हुई है। इन लापरवाहियों की वजह से 15 लोगों की जान चली गई लेकिन टाटा कंपनी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई। हरिगिरी जी महाराज ने कहा कि जूना अखाड़े के स्वामित्व वाली सर्वे नंबर 2746 की जमीन पर को बिना अनुमति के खोदकर खराब कर दिया गया है। इस कृत्य के खिलाफ जूना अखाड़े की तरफ से नगर निगम, राज्य व केंद्र सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। फिलहाल सीवरेज लाइन डालने का काम रूकवा दिया गया है।
8 लाख में दिया मिट्टी भरने का ठेका
जूना अखाड़े के स्वामित्व की जमीन पर टाटा प्रोजेक्ट्स कंपनी द्वारा करीब 12 मीटर गहराई तक खुदाई कर दी गई है। जूना अखाड़े के प्रमुख व अभा अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरीगिरी जी ने तत्काल ही टाटा द्वारा किए गए गढ्?ढो को भरवाने का काम शुरू करवा दिया। इसके लिए उन्होंने अपने खर्च पर 8 लाख रूपए में दूसरी फर्म को काम सौंप दिया।
निगम अधिकारियों का तर्क
नगर निगम अपर आयुक्त आदित्य नागर ने बताया कि नृसिंह घाट से सदावल ट्रीटमेंट प्लांट तक सीवरेज लाइन डालने के लिए काम चल रहा है। इस काम में यदि लाइन कहीं निजी जमीन से गुजर रही है तो बकायदा उसके लिए मुआवजा भी तय किया जा रहा है। जूना अखाड़ा की जमीन के मामले में पूर्व में अखाड़े से अनुमति ली गई या नहीं, इस विषय पर जांच की जा रही है। यदि नगर निगम या टाटा प्रोजेक्ट्स की तरफ से लापरवाही हुई है तो जिम्मेदारों के खिलाफ कार्यवाही होगी। श्री नागर ने बताया कि सीवरेज लाइन का अलायमेंट बदलना संभव नहीं है लिहाजा संतो के साथ बैठक कर इस समस्या का हल निकाला जाएगा।