प्रचार में झलकी नाथू की नाराजगी विधायक वीरसिंह, वाल सिंह से

 झाबुआ। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रचार अब परवान चढऩे लगा है। मानसून ने भी दस्तक देना शुरू कर दिया है। गैर दलीय आधार पर हो रहे इन चुनावों में राजनीतिक दलों का सीधा-सीधा हस्तक्षेप है। सरपंच से लेकर जनपद सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के लिए दोनों ही दलों ने पैनल बना कर अपने समर्थित प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की जा चुकी है। हालांकि जिला पंचायत के 14 वार्डो के लिए कुल 78 प्रत्याशी मैदान में है

। कुल मिलाकर प्रत्येक वार्ड में दोनों ही प्रमुख दल कांग्रेस और भाजपा के बागी उम्मीदवारों ने पार्टी समर्थित प्रत्याशियों के गणित बिगाड़ते हुए कांग्रेस भाजपा के लिए सिर दर्द बने हुए। यह दोनों दलों के भविष्य के लिए ठीक नहीं माना जा रहा है। गैर दलीय आधार पर हो रहे चुनाव में अंत में दोनों पार्टियां जो जीता वो सिकंदर की तर्ज पर सम्हाल कर जिला पंचायत पर कब्जे की कवायद शुरू कर देते है। जिला पंचायत पर अभी तक कांग्रेस का ही कब्जा रहा है।

स्वर्गीय कलावती भूरिया ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद की लंबी पारी खेली है। उनके विधायक बनने के बाद अध्यक्ष के लिए हुए मतदान में भी कलावती भूरिया की कुशल रणनीति काम आई और भाजपा सत्ता में होते हुए भी जिलापंचायत पर कब्जा नही कर सकी।

कांग्रेस को इस त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव विशेष कर जिला पंचायत चुनाव में स्वर्गीय कलावती भूरिया की कमी स्पष्ट झलक रही है। कांग्रेस की गुटीय राजनीति भी अब मैदान से निकल कर चुनाव प्रचार के दौरान देखने को मिल रही है। जिला पंचायत का वार्ड नंबर 9 जो माही के से सटा हुआ है। यहां से कांग्रेस की ओर से दबंग नेता और माही रेत कारोबारी(माफिया ) नाथू कटारा की बहु को कांग्रेस ने अपना समर्थन दे कर प्रत्याशी बनया है।

नाथू को शुरू से कांतिलाल भूरिया का कट्टर समर्थक माना जाता है। नाथू संभवत: वार्ड क्रमांक 9 क्षेत्र के दोनो विधायक पेटलावद से वाल सिंह मेड़ा और थांदला से वीर सिंह भूरिया से नाराज है। इसकी बानगी नाथू कटारा के प्रचार विज्ञापन में थांदला खवासा के ब्लाक अध्यक्ष सहित पेटलावद क्षेत्र के स्थानीय नेताओं को फोटो लगा कर महत्व दिया तो प्रथम पंक्ति में सोनिया, राहुल, प्रियंका, कमलनाथ के साथ कांतिलाल भूरिया, विक्रांत भूरिया के साथ जिलाध्यक्ष निर्मल मेहता के फोटो दिखाई दे रहे हैं द्वितीय पंक्ति में खवासा, पेटलावद के स्थानीय नेताओं के स्थान दिया। दोनो विधायक वाल सिंह मेड़ा,वीर सिंह भूरिया के फोटो नही लगाना या तो नाथू की इन दोनो के प्रति नाराजगी है या फिर नाथू जानबूझ कर इन के फोटो न लगा कर कांग्रेस की गुटबाजी चुनाव उजागर करना चाहता है।

बताते हैं जिला पंचायत के इसी वार्ड से पूर्व जिलाध्यक्ष स्वर्गीय कलावती भूरिया के साथ कंधे से कंधा मिला कर चलने वाली कलावती गहलोत भी चुनाव लड़ रही है। इधर भाजपा प्रत्याशी रमेश बारिया की बहु है उधर कांग्रेस प्रत्याशी नाथू कटारा की बहु है और भाजपा कांग्रेस के दोनो नेता आपस में समधी हैं यानी राजनीति में चित भी अपनी ओर पट भी अपना उद्देश्य से नाथू और रमेश द्वारा लड़ा जा रहा है इस से नफा नुकसान किस दल का होगा यह परिणाम आने पर ही चलेगा किंतु माना जा रहा की इस वार्ड में भाजपा कांग्रेस के मिल कर लडऩे का फायदा जयस या पूर्व जिला पंचायत सदस्य कलावती को मिलने के आसार है।

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