विधायक परमार पर आवास का 50 हजार बकाया था
उज्जैन। नगरीय निकाय चुनाव में महापौर पद के लिए कांग्रेस की ओर चुनाव लड़ रहे विधायक महेश परमार को विश्वविद्यालय के आवास क्रमांक ई-1 के नोड्यूज प्रमाण पत्र लेेने के लिए बकाया किराया के पचास हजार से अधिक की राशि चुकाना पड़ी। बकाया राशि जमा होने के बाद ही अधिकारियों ने प्रमाण पत्र जारी किया।
दरअसल यह मामला विक्रम विश्वविद्यालय के सरकारी आवास के बकाया किराया राशि का है। तराना विधायक महेश परमार ने कांग्रेस की सरकार के दौरान विक्रम विश्वविद्यालय परिसर के सरकारी आवास क्रमांक ई- 1 का आंवटन अक्टूबर 2019 में अपने नाम से कराया था। हालांकि आंवटन के बाद से ही यह आवास खाली ही रहा। बाद में इस वर्ष 6 अप्रैल 2022 को आवास वापस विश्वविद्यालय को सौंप दिया था, लेकिन आवास का किराया बाकी था।
इधर कांग्रेस की ओर से निकाय चुनाव में महापौर प्रत्याशी घोषित होने के बाद विधायक परमार को नियमों के तहत नोड्यूज प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता हुई। शुक्रवार को तत्काल ही विश्वविद्यालय की बकाया राशि जमा कराने पर नोड्यूज प्रमाण पत्र दिया गया। विश्वविद्यालय के यांत्रिकी विभाग के इंजीनियर अतुल जैन ने बताया नियमानुसार बकाया किराया और जलकर जमा होने के बाद प्रशासन विभाग ने नोड्यूज दिया है।
31 महीने का किराया और जलकर राशि जमा कराई
विश्वविद्यालय के आवास क्रमांक ई- 1 के आंवटन अक्टूबर 2019 के बाद से अप्रैल 2022 में वापस आवास की चाबी सौंपने तक मासिक किराया 1500 के मान से 31 महिने की राशि 46 हजार 500 रुपए और जलकर के प्रतिमाह 120 के मान से 31 माह के 3720 रूपए कु ल राशि 50 हजार 220 रूपए चालान के माध्यम से जमा होने के बाद नोड्यूज प्रमाण पत्र दिया गया।
अभ्यर्थियों के लिए नोड्यूज प्रमाण पत्र जरूरी
त्रिस्तरीय पंचायत या नगरीय निकाय चुनाव लडने वाले अभ्यर्थियों के लिए चुनाव आयोग के स्पष्ट निर्देश है कि सम्पत्तिकर, जलकर, सरकारी आवास का किराया व अन्य प्रकार के सरकारी बकाया होने पर चुनाव लडऩे वाले अभ्यर्थी द्वारा राशि जमा कराने के बाद नोड्यूज प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाना जरूरी है। यही कारण है कि चुनाव की घोषणा होने के बाद से ही नगर निगम में भी दोनों दल के भावी प्रत्याशियों ने अपना बकाया राशि जमा कर नोड्यूज लिया है । हालत यह है कि शुक्रवार तक नगर निगम के माध्यम से करीब 300 एनओसी जारी हो चुकी है।