आखिरी दिन नामांकन की मारामारी, कांग्रेस के उम्मीदवार नहीं जमा करा पाए जाति का सर्टिफिकेट
उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम चुनाव में 54 वार्ड पार्षद के नामांकन के लिए शनिवार को कलेक्टर कार्यालय में जमकर आपाधापी हुई। कांग्रेस के प्रत्याशियों की सूची शुक्रवार देर रात आई थी लिहाजा नामांकन जमा कराने वालों में भी सबसे ज्यादा भीड़ कांग्रेसियों की ही थी। पार्टी के एक उम्मीदवार तो नामांकन के साथ जाति का डिजिटल सर्टिफिकेट ही नहीं जमा करा पाए। दूसरे के साथ बड़ी हिट हुई, पार्टी ने जिन्हें प्रत्याशी बनाया था, उन्होंने चुनाव लडऩे से ही मना कर दिया। यहां से भी पार्टी ने ताबड़तोड़ वैकल्पिक व्यवस्था की।
शनिवार को नामांकन जमा कराने का आखिरी दिन था। शाम 5 बजे तक कलेक्टर कार्यालय में उपस्थित हुए प्रत्याशियों को टोकन बांटकर उनके नामांकन जमा कराए गए। देर रात तक भी कुल जमा हुए नामांकन को लेकर स्थिति साफ नहीं हो सकी थी। कलेक्टर व जिला निर्वाचन कार्यालय में देर रात तक सभी नामांकन की वार्डवार समरी बनाने का काम जारी रहा। कांग्रेस ने वार्ड नंबर 20 से भाजपा के प्रत्याशी प्रकाश शर्मा के सामने महेश जयनारायण शर्मा का नाम उम्मीदवार के रूप में घोषित किया था। महेश शर्मा दो दिन पहले ही चुनाव लडऩे से मना कर चुके थे, फिर भी उनका टिकट कंफर्म हो गया।
महेश शर्मा द्वारा चुनाव लडऩे से मना करने पर इस वार्ड से अब डा. बटुकशंकर जोशी खेमे से राजेश बाथली की उम्मीदवारी पार्टी की तरफ से तय की जा रही है। वार्ड नंबर 33 से कांग्रेस के उम्मीदवार फूलचंद जरिया नामांकन जमा कराने पहुंचे तो उनका जाति का पुराना सर्टिफिकेट स्वीकार ही नहीं किया गया। जरिया के पास नया डिजिटल सिग्नेचर वाला जाति सर्टिफिकेट नहीं था लिहाजा उन्हें इसे जमा कराने के लिए सोमवार तक का समय मिल गया। कांग्रेस इस वार्ड में भी रिस्क लेने की स्थिति में नहीं थी लिहाजा ताबड़तोड़ पार्टी से जुडे 3 अन्य लोगों के नामांकन भी भरवाए गए। अब इनमें से किसी एक को बी-फार्म मिल जाएगा।
फोटोकॉपी कराने गए, इतनें में हो गया खेल
वार्ड नंबर 8 से भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार गजेंद्र हिरवे है। हिरवे का टिकट विधायक पारस जैन ने तय करवाया है। गजेंद्र हिरवे की दावेदारी के खिलाफ इसी वार्ड से भाजपा से अनिल सिंदल भी टिकट मांग रहे थे। हिरवे का टिकट फाइनल हुआ तो सिंदल निर्दलीय नामांकन जमा कराने पहुंच गए। नामांकन जमा कराने के दौरान कुछ दस्तावेजों की वे फोटोकॉपी करवाने गए, इतने में कार्यालय के बाहर कुछ लोगों ने हंगामा करवाकर दरवाजा ही बंद करवा दिया। सिंदल की फोटोकॉपियां उनके हाथ में ही रह गई और उनका नामांकन जमा नहीं हो सका।