देवास, अग्निपथ। शहर के विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर सक्रिय चोर जहां दो पहिया वाहनों को निशाना बना रहे हैं वहीं मौका मिलने पर कुछ चोर दो व चार पहिया वाहनों में रखे सामान, नकदी आदि पर हाथ भी साफ कर रहे हैं। शहर के जवाहर चौक क्षेत्र में ऐसी ही एक वारदात दिनदहाड़े हुई जहां केपी कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य की बेटी के दो पहिया वाहन की डिक्की से चोरों ने 5 लाख रुपए से भरी थैली पर हाथ साफ कर दिया। मामले में कोतवाली पुलिस ने अज्ञात आरोपी पर चोरी का केस दर्ज कर जांच शुरू की और सीसीटीवी फुटेज से चोरों की पहचान की, हालांकि अभी वो हत्थे नहीं चढ़े हैं।
जानकारी के अनुसार केपी कॉलेज देवास के प्रभारी प्राचार्य रतनसिंह अनारे राधागंज क्षेत्र के अर्जुन नगर में रहते हैं। उनके मकान का निर्माण चल रहा है, इसके लिए रुपयों की जरूरत पडऩे पर उनकी बेटी हर्षा अनारे, प्रभारी प्राचार्य अनारे व उनके परिजन राजेंद्र सिंह 15 जून को दोपहर में करीब 3 बजे भारतीय स्टेट बैंक की मोती बंगला शाखा में पहुंचे थे। यहां से प्रभारी प्राचार्य अनारे ने 5 लाख रुपए निकाले और उनकी बेटी अपने पर्स में रुपए रखकर हरे रंग की प्लास्टिक की थैली में भरकर दो पहिया वाहन (एमपी41एमयू 6312) की डिक्की में रख लिए।
इसके बाद कुछ आवश्यक कार्य आने से अनारे वहां से चले गए और बेटी हर्षा अपने काका राजेंद्र सिंह के साथ दो पहिया वाहन से जवाहर चौक क्षेत्र में पहुंचे। यहां पास में हर्षा सब्जी खरीदने के लिए उतर गई थी और राजेंद्र सिंह ने दीपक पान पैलेस जवाहर चौक के सामने दो पहिया वाहन खड़ा कर परिचित प्रियेश गोस्वामी के पास चले गए। 5 मिनट में राजेंद्र सिंह व हर्षा दो पहिया वाहन के पास पहुंचे, इसी दौरान हर्षा ने डिक्की में सब्जी रखी तो पता चला कि रुपयों से भरी थैली गायब है।
बैंक से ही पीछा कर रहे थे बदमाश
मामले में अगले दिन 16 जून की रात में हर्षा की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात आरोपी पर चोरी का केस दर्ज किया। जांच शुरू करते हुए एसआई पवन यादव ने बैंक से लेकर जवाहर चौक तक के दर्जनभर से अधिक स्थानों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इसमें दो चोर नजर आए हैं जो बैंक से ही हर्षा का पीछा बाइक से कर रहे थे। जवाहर चौक में मौका मिलते ही एक आरोपी बाइक से उतरा और डिक्की से 5 लाख रुपए से भरी थैली चुरा ली और अपने साथी के साथ रफूचक्कर हो गया। प्रारंभिक जांच में आरोपी देवास के बाहर होने की आशंका जताई जा रही है, उनकी धरपकड़ के प्रयास चल रहे हैं।