भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों में डैमेज कंट्रोल की कवायद, फिर भी सामने आ रहे विवाद
उज्जैन, अग्निपथ। निकाय चुनाव में दागी लोगों को उम्मीदवारी देना कुछ वार्डो में लोगों को बागी कर रहा है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल इससे परेशान है। वार्डो में डैमेज कंट्रोल की कवायद जारी है फिर भी विवाद सार्वजनिक हो रहे है। दलों के अंदरूनी झगड़े बाहर आने के बाद भी फिलहाल तो कोशिश रूठों को मनाने तक ही सीमित है।
5 साल पार्षद रह लिए फिर भी नहीं भरा मन
वार्ड नंबर 53 से पार्षद रहे सुनील बौरासी ने रविवार को अपने कुछ साथियों के साथ भाजपा कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। बौरासी का टिकट काटकर भाजपा ने यहां से निर्मला करण परमार को उम्मीदवार बनाया है। यहीं परिवर्तन सुनील बौरासी को रास नहीं आ रहा है। रविवार को वे अपने समर्थकों के साथ भाजपा कार्यालय लोकशक्ति भवन पहुंच गए। यहां पार्टी नेताओं को बताया कि करण परमार तो वार्ड 53 के रहवासी भी नहीं है, उनका घर नागझिरी में है। वे वार्ड के 10 कार्यकर्ताओं को भी नहीं पहचानते है फिर उन्हें पार्षद का टिकट क्यों दे दिया। सुनील बौरासी कहते रहे कि मुझे नहीं चुना कोई बात नहीं, वार्ड से ही किसी अन्य कार्यकर्ता को टिकट दे देते। यदि ऐसा नहीं किया गया तो वार्ड में भाजपा को नुकसान होगा।
कार्यवाहक अध्यक्ष ने किया इस्तीफे का ऐलान
वार्ड नंबर 39 में निवास करने वाले सुनील गोठवाल कांग्रेस में माधवनगर ब्लॉक के कार्यवाहक अध्यक्ष है। पिछले 30 साल से कांग्रेस से जुड़े सुनील गोठवाल शहर कांग्रेस में महामंत्री, ब्लाक कांग्रेस उपाध्यक्ष, सांसद प्रतिनिधि और संगठन के अन्य भी पदों पर रहे है। सुनील गोठवाल सतत पार्टी के लिए काम भी करते रहे और पिछले लगभग 4 चुनाव से वार्ड नंबर 39 से पार्षद प्रत्याशी बनाए जाने की मांग भी करते रहे। इस वार्ड से हर बार दूसरों को अवसर दे दिया गया और सुनील गोठवाल को समझा-बुझाकर फिर से झंडे उठाने के काम में लगा दिया गया। इस बार भी उन्होंने अपने वार्ड से कांग्रेस का टिकट मांगा था। कांग्रेस ने यहां से पिछले तीन चुनाव की तरह ही फिर से किसी दूसरे को अवसर दे दिया। इससे सुनील गोठवाल खासे नाराज है। रविवार दोपहर उन्होंने एक पत्रकार वार्ता ली। इसमें उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेता बटुक शंकर जोशी पर कई सारे आरोप लगाए। सुनील गोठवाल ने कहा कि मैं 22 जून नामांकन वापसी के दिन तक पार्टी के शीर्ष नेताओं के फैसले का इंतजार करूंगा। यदि इस बार अवसर नहीं मिला तो कांग्रेस को अलविदा कह दूंगा। भाजपा में जाने के सवाल पर गोठवाल ने कहा कि 22 के बाद मैं स्वतंत्र रहूंगा, हो सकता है कि निर्दलीय चुनाव भी लड़ लू।
रम्मू के खिलाफ लामबंद हुए सारे बूथ अध्यक्ष
भाजपा ने वार्ड नंबर 29 से पूर्व पार्षद रामेश्वर(रम्मू) दुबे को उम्मीदवार बनाया है। रम्मू दुबे का नाम सामने आने के बाद से ही वार्ड में रहने वाले कई भाजपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी नाराज है। अपना बूथ सबसे मजबूत का नारा देने वाली भाजपा के इस वार्ड में 9 बूथ है, सभी 9 बूथ के प्रभारियों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया है। बूथ अध्यक्ष नवीन वर्मा, नितिन खत्री, गौरव चौहान, विजय राठौर, संजय जैन, जितेंद्र जैन, रवि बैरागी, राम खंडेलवाल और धर्मेंद्र राठौर ने एक साथ अपना इस्तीफा भाजपा शहर अध्यक्ष को भेजा है। इनका आरोप है कि भाजपा ने वार्ड 29 से ऐसे व्यक्ति को उम्मीदवार बना दिया है जिसने पिछले चुनावों में भाजपा के खिलाफ ही काम किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को काले झंडे तक दिखाए है।
माया का झलका दर्द, कहा-दोस्तो की बीबीयों को दिला दिए टिकट
मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की प्रदेश महामंत्री माया मालवीय भी चुनाव लडना चाहती थी। पार्टी ने उन्हें अवसर नहीं दिया। माया मालवीय ने सोशल मीडिया पर अपने मन की टीस साझा की। उन्होंन लिखा है- वर्षों से में पार्टी में कार्य कर रही हूं, भोपाल की समस्या हो या दिल्ली कहीं भी जाना होता है तो हम हमारे साथ बहनों को लेकर के कांग्रेस पार्टी की सेवा करने के लिए हाजिर हो जाते हैं। उम्मीद रहती है कि पार्टी हमें एक ना एक दिन मौका देगी लेकिन जब चुनाव का मौका आता है चाहे पार्षद का चुनाव हो या विधायक का चुनाव हो या सांसद का चुनाव, महिलाओं का मान सम्मान को ठेस पहुंचाई जाती है।
घर में से हाउस वाइफ को निकालकर टिकट दे दिया जाता है और प_ावाद चलाया जाता है। ग्रामीण क्षेत्र की राजनीति करते करते शहर में आ सकते हैं शहर में आने के बाद में अपने यार दोस्तों की बीवियों को टिकट वितरण करते हैं, उन्हें पार्षद बनवाते है, मैं कमलनाथ जी से मैं पूछना चाहती हूं कि इस प्रकार महिलाओं के साथ में कब तक व्यवहार किया जाएगा। कांग्रेस के लिए काम करने वाली महिलाओं को न्याय कब मिलेगा।