पोलाय कला, अग्निपथ। नगर परिषद चुनाव मैं जिस तरह से पोलाय भाजपा नेताओं को भाजपा ने आईना दिखाया है वह काबिले तारीफ है जो अपने आप को अध्यक्ष मान बैठे थे यह मानकर चल रहे थे कि हमारे बगैर पार्टी चल नहीं सकती हम पार्टी के सबसे कद्दावर नेता है और हमारे आगे पार्टी को झुकना पड़ेगा ऐसी सोच वाले सभी नेताओं को भाजपा ने टिकट न देकर यह साबित कर दिया की पार्टी में पार्टी की चलती है किसी चवन्नी छाप नेता की नहीं पोलाय नगर परिषद मैं अभी तक 84 के बाद कांग्रेस का अध्यक्ष नहीं बैठा इस चुनाव में भाजपा ने खुद कांग्रेस का रास्ता साफ कर दिया है वर्तमान परिस्थिति से स्पष्ट होता है भाजपा से टिकट कटने के बाद बागी प्रत्याशी निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल करना चाहते हैं जो उनके लिए इस बार संभव नहीं है भाजपा भी उनको ही टिकट देती तो भी उनकी जीत इस बार मुश्किल थी और यही सोच कर उनके टिकट काट दिए गए हैं टिकट काटने के पीछे कई कारण है एक कारण वह भी है जो भाजपा की परिषद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव या शिकायतें कर भाजपा कि परिषद को परेशान किया था उसके साथ ही वह यह मान बैठे थे कि हमें भाजपा के कर्ण आधार है जिनका मुगालता दूर करके भाजपा ने एक तीर से दो शिकार खेलें एक तो यह इन लोगों का मुगालता दूर हो गया दूसरा सत्ता पाने के लिए नए चेहरों पर दांव लगाया है और यही दाव कांग्रेस के लिए सत्ता प्राप्ति का अवसर प्रदान करता नजर आ रहा है
कांग्रेस के लिए स्वर्णीम अवसर
इस बार कांग्रेस का टिकट वितरण काफी रणनीति के तहत किया गया है जिससे कांग्रेस को 8 से10 पार्षद जीताने की पूरी पूरी संभावना बनाया है और यह अवसर प्रदान किया है स्वयं भाजपा ने इस बार यदि स्वर्णीम अवसर को कांग्रेश जीत में नहीं बदल पाती है तो फिर कभी भी कांग्रेश पोलाय नगर परिषद में अपना अध्यक्ष नहीं बैठा पाएगी यह एक कटु सत्य है जहां भाजपा में अध्यक्ष के कई दावेदार हैं तो कांग्रेसमें एक मात्र पवन राजकुमार की तरफ कांग्रेस की नजर है यदि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस बार मिलजुल कर एकमत से चुनाव लड़ा तो कांग्रेस को सफलता मिलने के साथ ही नगर में एक नया इतिहास रचने का अवसर प्राप्त हो सकता है आज के परिदृश्य से नजर आ रहा है आगे की परिस्थिति चुनाव प्रचार के कारण क्या बनती है यह देखना बाकी है।