इंजीनियरों का नपना तय, पूर्णता प्रमाण पत्र देने में की जल्दबाजी
उज्जैन, अग्निपथ। देवासरोड पर आर.एम. विनो स्टेट डेवलपर्स कंपनी द्वारा बनाई गई बिल्डिंग के दस्तावेज नगर निगम के अधिकारियों के गले की फांस बन गए है। इस विवादास्पद बिल्डिंग के मामले में कोर्ट में केस प्रचलित है, लोकायुक्त जांच जारी है इसके बाद भी कार्यपालन यंत्री ने बिल्डिंग के निर्माण को पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर दिया है। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि जिस दिन पूर्णता प्रमाण पत्र पाने के लिए आवेदन किया गया, उसी दिन नगर निगम के कार्यपालन यंत्री लीलाधर दोराया ने प्रमाण पत्र जारी भी कर दिया। पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए भवन निरीक्षक की जिस रिपोर्ट को आधार बनाया गया, उसी रिपोर्ट के आधार पर बिल्डिंग की भवन अनुज्ञा निरस्त करने का नोटिस भी जारी कर दिया गया।
देवासरोड के प्लॉट नंबर 40 पर बनी कमर्शियल बिल्डिंग में हुए इस बड़े खेल से नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता भी अब तक अनजान है। नगर निगम में भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसे जाने की आयुक्त की मुहीम के दौरान ही उनके हाथ के नीचे ही बड़ा खेल हो जाएगा, इसका आयुक्त अंदाजा भी नहीं लगा सके। यह तथ्य हास्यास्पद ही कहा जाएगा कि जिस बिल्डिंग के निर्माण को नगर निगम के कार्यपालन यंत्री 17 मार्च को पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर रहे है, उसी बिल्डिंग को 17 जून यानि ठीक तीन महीने बाद अवैध निर्माण संबंधी नोटिस जारी किया गया। इसका सीधा तात्पर्य यह है कि बिल्डिंग के निर्माण की या तो पूर्णता प्रमाण पत्र देने से पहले सही जांच नहीं की गई या अवैध निर्माण का नोटिस देने की प्रक्रिया दोषपूर्ण है।
नगर निगम में खेला हौबे
- देवासरोड़ प्लॉट नंबर 40 पर आर.एम. विनो स्टेट डेवलपर्स द्वारा बनाई गई बिल्डिंग के निर्माण की 30 अगस्त 2021 को भवन निरीक्षक मीनाक्षी शर्मा द्वारा जांच की गई।
- 17 मार्च 2022 को आर.एम. विनो स्टेट डेवलपर्स कंपनी द्वारा पूर्णता प्रमाण पत्र पाने के लिए जोन क्रमांक 4 में आवेदन किया गया।
- भवन निरीक्षक की 30 अगस्त वाली रिपोर्ट को आधार बनाकर 17 मार्च को ही आवेदन करने के चंद घंटे बाद ही कार्यपालन यंत्री लीलाधर दोराया ने निर्माण का पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर दिया।
- इसके ठीक 3 महीने बाद 17 जून को कार्यपालन यंत्री दोराया ने इसी बिल्डिंग को स्वीकृत नक्शे के विपरीत निर्माण के लिए भवन अनुज्ञा निरस्त करने का नोटिस जारी कर दिया। इसके लिए भी आधार भवन निरीक्षक की 30 अगस्त वाली रिपोर्ट को ही बनाया गया।
- नगर निगम से जारी पूर्णता प्रमाण पत्र में इस बात का जिक्र है कि प्रकरण में किसी विभाग अथवा न्यायालय में प्रचलित कार्यवाही से पूर्णता प्रमाण पत्र शून्य माना जाएगा। वास्तविकता यह है कि पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारी यह पहले से जानते थे कि बिल्डिंग की अनुज्ञा और जमीन के सौदे से संबंधित प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है और लोकायुक्त में भी इसकी जांच चल रही है।
(भवन निर्माण अनुज्ञा निरस्त करने का नोटिस जारी करने वाले और पूर्णता प्रमाण देने वाले कार्यपालन यंत्री लीलाधर दोराया इस बारे में उनका पक्ष जानने के लिए लगातार संपर्क का प्रयास किया गया, कार्यपानल यंत्री का पक्ष फिलहाल स्पष्ट नहीं हो सका है।)
इनका कहना है
देवासरोड़ की बिल्डिंग के बारे में आपको कार्यपालन यंत्री ही विधिवत जानकारी दे सकते है, यह प्रकरण मेरी जानकारी में आया जरूर था लेकिन विषय सीधे तौर पर मुझसे जुड़ा नहीं है, इसलिए मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया।
– जी.के. कंठिल अधीक्षण यंत्री ननि