कालिदास जयंती समारोह में महाकवि का श्रद्धापूर्वक स्मरण
उज्जैन, अग्निपथ। महाकवि कालिदास कि तुलना शेक्सपियर से तो क्या दुनिया के किसी भी कवि से नहीं की जा सकती है। कालिदास का साहित्य अनमोल और अतुल्य है। कालिदास की तुलना शेक्सपियर से करने से बड़ा और कोई भ्रम नहीं है। क्योंकि कालिदास एक जल्यमान नक्षत्र है।
उक्त उदगार ज्योतिषाचार्य पंडित मोरेश्वर शास्त्री दीक्षित द्वारा प्रणीत कालिदास जयंती समारोह में महर्षि पाणिनि संस्कृत विश्व विद्यालय के कुलपति विजय कुमार सीजी ने सारस्वत अतिथि के रूप में बोलते हुए व्यक्त किए। समारोह की अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति बाल कृष्ण शर्मा ने की। विशेष अतिथि के रुप में डॉ. शिव चौरसिया, डॉ. संतोष पंड्या, मदन व्यास, पं. राजेश त्रिवेदी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार डॉ. देवेंद्र जोशी ने किया व आभार उपेंद्र दीक्षित ने माना। कार्यक्रम में डॉ. स्वामीनाथ पांडे, द्वारकाधीश तिवारी, जियालाल शर्मा, गिरीश अवस्थी, महेश खंडेलवाल, ललिता जाटवा, महेश त्रिवेदी, अशोक जोशी, गोपाल जोशी, शरद व्यास, अंकित व्यास, रितिक व्यास, अरविंद दीक्षित, अनूप दीक्षित, सुरेंद्र भानुप्रिय, उमाकांत शुक्ला, महेंद्र उपाध्याय आदि उपस्थित थे।