बेटी का आरोप महिला आरक्षक मांग रही थी 10 लाख-सुसाईड नोट के बाद भी केस दर्ज क्यों नहीं
उज्जैन, अग्निपथ। नागझिरी में 15 दिन पहले आत्महत्या करने वालेे एसआई नरेंद्र कुमार चौहान के मामले में गुरुवार को नई बात सामने आई है। मृतक के परिजनों ने दावा किया कि महिला आरक्षक द्वारा ब्लैकमेल करने के कारण चौहान ने जान दी। उन्होंनें सुसाईड नोट के बाद भी महिला पर केस दर्ज नहीं करने के कारण पुलिस पर सवाल खड़े किए हैं।
सर्वविदित है शाजापुर के वायरलेस विभाग में पदस्थ एसआई चौहान ने 8 जून को नागझिरी की सनशाईन कॉलोनी स्थित अपने मकान फांसी लगा ली थी। घटना स्थल से पुलिस को सुसाईड नोट मिला था,जिसमें शाजापुर कंट्रोल रूम में पदस्थ आरक्षक ममता परिहार द्वारा प्रताडि़त करने के कारण आत्महत्या करना लिखा था।
मामले अब तक केस दर्ज नहीं करने पर गुरुवार को चौहान की पत्नी माया,पुत्री नेहा और मिष्ठी न्याय की गुहार लगाने आई। दावा किया कि ममता ब्लैकमेल कर चौहान से 10 लाख रुपए मांग रही थी। नहीं देने पर नौकरी से बर्खास्त करवाकर बेटियों को बदनाम करने की धमकी देने की वजह से चौहान ने जान दी। पुख्ता प्रमाण के बाद भी पुलिस ममता पर केस दर्ज नहीं कर रही।
ऐसे शुरू हुआ विवाद
चौहान की बेटी नेहा ने बताया कि पिता के ऑफिस में ममता पदस्थ थी। उसके गलत आचरण का पता चलने पर पिता ने दूरी बनाई तो ममता को शक हुआ कि चौहान उसकी सगाई में बाधक बने हंै। इस पर ममता ने पिता की जगह उसे बदनाम करने का प्रयास किया। इसी को लेकर विवाद हो गया था।
मारपीट पड़ी भारी
झूठे आरोप लगाने पर 31 दिसंबर 2021 की रात चौहान परिवार के साथ कंट्रोल रूम पर ममता से बात करने पहुंचे तो उसने अधिकारियों से मारपीट की शिकायत कर दी, जिसके कारण 17 मार्च को चौहान परिवार पर लालघाटी थाने में केस दर्ज हो गया। मामले में ममता राजीनामे के नाम पर 10 लाख रुपए की मांग कर ब्लैकमेल कर रही थी। नहीं दे पाने पर चालान पेश होने से एक दिन पहले चौहान ने फांसी लगा ली।
विभागीय जांच भी
बताया जाता है चौहान पर यह भी आरोप लगे थे उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम से सीसी टीवी फुटेज गायब किए हैं। मामले में उनकी विभागीय जांच चल रही थी। इस कारण प्रमोशन रुकने और बर्खास्त होने के डर के कारण भी वह परेशान थे।
इनका कहना
सुसाईड नोट में बताई आरक्षक से मारपीट के फूटेज मिले है। विवाद में चौहान पर केस भी दर्ज हुआ था। आत्महत्या मामले में जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।
-विक्रम सिंह ईवने, टीआई थाना नागझिरी।