आयुक्त ने तीन अधिकारियों को दिया शोकॉज नोटिस
उज्जैन, अग्निपथ। जवाहरलाल नेहरू शहरी नवीकरण मिशन के तहत उज्जैन को मिली सिटी बसों के करोड़ो रूपए उलझकर रह गए है। बस संचालन के लिए ठेकेदारों के साथ हुए अनुबंध में कई ऐसी पेचिदगियां सामने आई है, जिनसे नगर निगम का फंसा रूपया निकालना मुश्किल हो गया है। नगर निगम के करीब 2 करोड़ रूपए की वसूली की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए अब नगर निगम आयुक्त ने उज्जैन सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लि. कंपनी के तीन अधिकारियों को शोकॉज नोटिस जारी किया है। इनसे मिलने वाले जवाबों के आधार पर नगर निगम वसूली की कानूनी प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी।
नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता पिछले लगभग 20 दिनों से नगर निगम के अधीन उज्जैन सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लि. कंपनी की पिछले 5 से 10 सालों की फाइलों को खंगालने में जुटे है। 11 जून को भी उन्होंने कंपनी के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इस बैठक में सामने आए निचोड़ के बाद आयुक्त ने सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लि. कंपनी के प्रभारी महाप्रबंधक सुनील जैन, प्रभारी उप महाप्रबंधक विजय गोयल, प्रभारी सहायक महाप्रबंधक पवन कुमार लोढ़े को शोकॉज नोटिस जारी किया है।
अधिकारियों से कहां हुई चूक
– सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस कंपनी ने अर्थ कनेक्ट ट्रांसवे लि. के साथ बसों के संचालन का अनुबंध किया था। अक्टूबर 2015 में इस कंपनी को बस संचालन की जो राशि विधिवत जमा कराना थी, वह नहीं कराई गई।
– सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लि. कंपनी ने अर्थ कनेक्ट की 58 लाख रूपए की एफडीआर राजसात की जबकि अर्थ कनेक्ट से पेनल्टी सहित करीब 2 करोड़ 48 लाख रूपए वसूल किए जाने थे। एफडीआर राजसात करने के बाद इस कंपनी को ब्लेकलिस्ट भी नहीं किया गया।
– अर्थ कनेक्ट नेटवर्क द्वारा किए गए अनुबंध के तहत बसों पर विज्ञापन के जरिए लाभ तो प्राप्त किया गया लेकिन इसका विधिवत शुल्क नगर निगम में जमा नहीं कराया गया। इससे भी नगर निगम को आर्थिक नुकसान हुआ।
– सिटी बसों को केंद्र सरकार द्वारा शहरी क्षेत्र में संचालित करने के लिए प्रदान किया गया था लेकिन कंपनी ने योजना का बुनियादी ढांचा ही बदल दिया। बसों के लिए प्रथक से दूसरे शहरों तक सेवा के परमिट प्राप्त कर लिए गए।
– कंपनी द्वारा जिरो प्रतिशत ब्याज दर पर तीन अलग-अलग बैंको में चालू खाते ओपन करवाए गए। इससे भी कंपनी को ब्याज राशि का नुकसान हुआ।
(जैसा नोटिस में उल्लेख है)