होस्टल संचालक से मांगे थे 50 हजार,10 हजार में हुआ था सौदा
उज्जैन,अग्निपथ। लोकायुक्त टीम ने रविवार को शास्त्रीनगर में साइबर सेल के एक प्रधान आरक्षक को 10 हजार रुपए रिश्वत लेते पकड़ा है। आरोप है कि वह चार साल पहले जुआं खेलते पकड़ाए होस्टल संचालक को झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर रुपए मांग रहा था। मामले में प्रधान आरक्षक को सस्पेंड भी कर दिया गया।
शास्त्रीनगर निवासी होस्टल संचालक देवेश अष्ठाना (49)करीब चार साल पहले चिमनगंज क्षेत्र में जुआं खेलते हुए पकड़ाया था। लेन-देन कर बिना कार्रवाई छोडऩे के बाद से प्रधान आरक्षक चौहान उससे रुपए वसूल रहा था। हाल ही में चौहान ने 50 हजार रुपए मांगे और नहीं देने पर झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। अष्ठाना ने 10 हजार रुपए में सौदा कर 23 जून को लोकायुक्त एसपी को शिकायत कर दी।
इसी के चलते रविवार दोपहर चौहान अष्ठाना के घर पहुंचा। यहां रिश्वत लेते ही लोकायुक्त निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव व टीम ने उसे रंगेहाथ दबोच लिया। जानकारी मिलते ही एसएसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने चौहान को सस्पेंड कर दिया है। याद रहे साईबर सेल पर आरोप कई बार लगे,लेकिन पहली बार यहां पदस्थ पुलिसकर्मी घूस लेते पकड़ाया है।
हनुमान मंदिर पर की कार्रवाई
अष्ठाना का घर शास्त्रीनगर में चेतन्य बालवीर हनुमान मंदिर के सामने है। दोपहर में चौहान बाइक से पहुंचा और मंदिर का चक्कर लगाकर रैकी की फिर अष्ठाना के घर पहुंच कर रुपए लेकर जाने लगा। इस दौरान यहा छिपी टीम ने उसे पकड़ा तो भागने का प्रयास किया। बाद में टीम ने उसे पकड़ा और मंदिर में ले जाकर भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 में केस दर्ज की कार्रवाई की।
नंबर बदल कर छिपा रहा दो साल
पीडि़त अष्ठाना ने बताया चौहान पहले 500 रुपए लेता रहता था। परेशान होकर मोबाइल नंबर बदला। हाल ही में चौहान ने नया नंबर तलाशकर संपर्क किया। घर आकर 50 हजार रुपए नहीं देने पर झूठे केस में फंसाने की धमकी दी तो सौदा कर लोकायुक्त में शिकायत कर दी। वह शुक्रवार को चुनाव ड्यूटी के कारण नहीं आ पाया। आज आने का कहा तो लोकायुक्त को सूचना दे दी।
सफलता में इनका योगदान
चौहान को ट्रेप करने में निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव,बलवीरसिंह यादव, एएसआई जागनसिंह,आरक्षक हितेश ललावत, विशाल, संदीप, उमेश व सुनील की विशेष भूमिका रही।