झाबुआ, अग्निपथ। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का प्रथम चरण 25 जून को संपन्न हुआ। घोर प्रशासनिक अव्यवस्थाओं के मध्य संपन्न हुए इस चुनाव में मतदाताओं ने जबरदस्त मतदान किया। मैदान में भाजपा कांग्रेस के कई दिग्गज नेता जो वर्षो से पंचायतों से लेकर जनपद और जिले में जमे थे इसबार मतदाताओं ने धूल चटा दी।
कभी थांदला का पलवाड क्षेत्र कांग्रेस का गड़ रहा अब पूरी तरह से भगवा रंग में रंग गया यूं कहे तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। पलवाद क्षेत्र में स्वर्गीय बाबू दादा चौहान के निधन रमेश भटेवरा का सक्रिय राजनीति से गमन के बाद पलवाड़ कांग्रेस की बाग डोर स्थानीय नेता चेन सिंह डामोर व गेंदाल डामोर ने सम्हाली थी किंतु ये दोनों नेता विरासत में मिले कांग्रेस के किले को भाजपाई सेंध सेंध से बचा नहीं पाए। जबकि चेनसिह डामोर पूर्व ब्लाक कांग्रेस अधयक्ष से ले कर सरपंच और जनपद अध्यक्ष भी रह चुके है इस चुनाव में सरपंच का ही चुनाव हार गए हालांकि ये खुद खड़े नही होकर अपने परिवार के सदस्य को खड़ा किया था।
चेनसीह अपनी ही ग्राम पंचायत में सरपंच का चुनाव हारे व जनपद सदस्य का चुनाव जीते ही। कुछ इसी तरह से इसी क्षेत्र के गेंदाल डामोर जो कि विधायक वीरसिंह भूरिया के समधी है तथा जिला पंचायत अध्यक्ष शांति डामोर के ससुर हो कर कर दशकों से काकनवानी पंचायत में इनका या इनके परिवार का कब्जा रहा ही गेंदाल वर्तमान में वर्षो से ब्लाक अध्यक्ष होने के साथ वर्तमान में जनपद पंचायत अध्यक्ष भी है सरपंच और जनपद पंचायत सदस्य का चुनाव हार चुके है इन्होंने भी अपने परिवार के सदस्यों को मैदान में उतारा था।
राजनीति में परिवारवाद की पराकाष्ठा पर कर इस चुनाव में सरपंच,जनपद प्रतिनिधि,जिला पंचायत सदस्य सभी सीटो के लिए मैदान में थे। इनकी एक बहु जो विधायक पुत्री भी ही जनपद सदस्य का चुनाव जीतने में सफल हुई शेष सरपंच, ओर एक जनपद सदस्य के चुनाव में मतदादातो ने इन्हें मात दी। इसी तरह इसी क्षेत्र के भाजपा के दिग्गज नेता दिलीप कटारा जिन्होंने पूर्व विधान सभा चुनाव में विधायक की दावेदारी दम खम से की थी भी इस चुनाव में जीत नही पाए तो इनके ही एक अन्य साथी बंटी डामोर जोकि पूर्व में भाजपा मंडल अध्यक्ष भी रह चुके और वर्तमान में थांदला नगर परिषद अध्यक्ष भी है के परिवार का खजुरी ग्राम पंचायत पर डेढ़ दशक से कब्जा था।
यहा से बंटी स्वयं उनके पिता,माता सरपंच रह चुके थे इस मर्तबा अपने अनुज को चुनाव मैदान में उतारा था किंतु वे चुनाव हार गए। ग्राम पंचायत सेमलिया चेनपुरी में भी दिग्गज सरपंच मुन्ना को भी इस बार हार का सामना करना पड़ा। जिला पंचायत के वार्ड क्रमांक 9 में भाजपा कांग्रेस समर्थ प्रत्याशियों को मात देते हुए मतदाताओं ने नई युवा रेखा निनामा पर अपना विश्वास जताया तो पेटलावद क्षेत्र में भी इस तरह के कई उलट पलट हो कर युवाओं ने जीत दर्ज की।
यह की जिला पंचायत की एकमात्र सामान्य सिट वार्ड क्रमांक 13 भाजपा,कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा वाली सीट थी इस महिला आरक्षित होने से कांग्रेस ने जिला पंचायत के उपाध्यक्ष चंद्रवीर लाला की पत्नी को टिकिट दिया था चंद्रवीर का भी इस वार्ड में दशकों से कब्जा है किंतु इस बार मतदाताओं ने यह भी परिवर्तन का मूड पहले ही बना लिया था। इस वार्ड से भाजपा नेता कृष्णपाल सिंह गंगा खेड़ी की पत्नी विजय हुई।
चुनाव से पूर्व सोसल मिडिया से ले कर चोपालो पर गंगा खेड़ी का गत समय स्कूलों की खेल सामग्री सप्लाई घोटाला से जुड़े होने की बात कही जा कर भाजपा को यह नुकसान की बात की जा रही थी पर गंगा खेड़ी ने जीत दर्ज कर खेल सामग्री सप्लाय घोटाले में लिप्त होने की बात झुठला दी। कुल मिलाकर प्रथम चरण के चुनाव में अधिकांश ग्रामीण मतदाताओं ने बदलाव का मन पहले ही बना लिया था चाहे प्रत्याशी भाजपा को हो या कांग्रेस का नए युवाओं को मोका दिया।