थांदला, अग्निपथ। मध्यप्रदेश में पंचायती राज के प्रथम चरण के मतदान में अधिकारियों का नकारात्मक रवैया के चलते 25 जून को संपन्न हुए पंचायत चुनाव में शासकीय कन्या परिसर के प्राचार्य विपिन बामनिया की ड्यूटी जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेश से पेटलावद विकासखंड के अंतर्गत ग्राम उन्नाई में पीठासीन अधिकारी के रूप में लगाई गई थी। चुनाव समाप्ति पश्चात 25 जून को रात्रि में मतदान समाप्त होने के पश्चात प्राचार्य विपिन बामनिया को चुनाव सामग्री जमा करने में रात्रि के 1 बजे जाने के पश्चात पेटलावद तहसील कार्यालय में मतदान सामग्री से जमा की गई।
मतदान दल के प्रभारी के रूप में उन्हें पद मुक्त करने में 26 जून को प्रात: 6 बजे मतपेटियां जमा करने के बाद उन्हें उनके दल को रवानगी दी गई। जिले व तहसील के आला अधिकारी क्या इस बात से अनभिज्ञ होंगे कि मतदान कर्मी को 36 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद उन्हें किन परेशानियों से जूझना पड़ा। अवसाद के चलते उक्त प्राचार्य हृदयाघात के शिकार हो गए।
शारीरिक व मानसिक थकान के चलते 28 जून को प्राचार्य विपिन बामनिया को हृदयाघात होने के चलते परिजन उन्हें तत्काल थांदला से मेघनगर स्थित जीवन ज्योति अस्पताल ले गए जहां प्राचार्य को चिकित्सकों की देखरेख में उपचारार्थ आईसीयू में भर्ती कर चिकित्सकों की देखरेख में रखा गया है।
जहां 24 घंटे बीत जाने के बाद ही चिकित्सक कुछ निर्णय ले पाएंगे परंतु यह चुनाव जिले के जिम्मेदारों या जिला निर्वाचन अधिकारी तथा उनके अधिनस्थ अधिकारी ऊंचे पद पर बैठे हुए हैं उन्हें क्या कांटों की चुभन कभी महसूस होगी जो ऐसी वाली गाडिय़ों में चलना ही अपना गुरुर समझते हैं। 36 घंटे की ड्यूटी के दौरान शिक्षक उक्त लालफीताशाही का शिकार हुआ है। भगवान से यही प्रार्थना करते हैं कि यह शिक्षक शीघ्र ही स्वस्थ होकर अपने रोजमर्रा के कार्य में तल्लीन रहे।