विद्यार्थी परिषद ने दिया धरना
धार, अग्निपथ। शहर के घोड़ा चौपाटी स्थित उत्कृष्ट विद्यालय में स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों के एडमिशन में अनियमितता और प्राचार्य के लगातार अनुपस्थित रहने को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की इकाई ने मंगलवार सुबह धरना दिया। इस दौरान तहसीलदार सुनील करवड़े को ज्ञापन सौंपा।
सुबह रैली के रूप में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी व छात्र स्कूल पहुंचे जहां पर स्कूल के मुख्य गेट के सामने जमीन पर बैठकर धरना देकर नारेबाजी की। नगर मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि विगत दिनों से उत्कृष्ट विद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है जिसमें कई अनियमितताएं और गड़बड़ी होने के साथ ही प्राचार्य भी हमेशा अनुपस्थित रहती हैं। जिस कारण आसपास से आने वाले छात्र छात्राओं को स्कूल प्रबंधन द्वारा प्रवेश को लेकर कोई भी जानकारी सही रूप से नहीं दी जाती है। जिस कारण छात्रों को प्रवेश में कई समस्याएं आ रही है।
इस प्रकार का मामला अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संज्ञान में आया तो कार्यकर्ताओं द्वारा उत्कृष्ट विद्यालय में कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया। साथ ही प्राचार्य कभी विद्यालय में नहीं मिले और विद्यालय का स्टाफ को भी जानकारी नहीं रहती की प्राचार्य मैडम कहां है और कब जाती है। ऐसे में ज्ञापन के माध्यम से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मांग रखी कि प्राचार्य के कार्यकाल की गंभीरता से जांच की जा कर प्राचार्य को निलंबित किया जाए जिससे छात्र छात्राओं को परेशान ना होना पड़े। इस दौरान बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित थे।
अधिकांश समय नहीं रहते मौजूद
एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने बताया कि अधिकांश समय प्राचार्य स्कूल में मौजूद नहीं रहते हैं । जिसको लेकर बच्चे वह पालक परेशान होते हैं। वही एडमिशन को लेकर कोई स्थाई विकल्प नहीं होने के कारण बच्चे रोज कई किलोमीटर दूर से ग्रामीण इलाकों से आते हैं वखाली हाथ लौट जाते हैं। जिससे बच्चों का समय व किराया के रूप में धन खर्च होने के बावजूद बच्चों का एडमिशन नहीं होता है।
स्कूल में लगे लापता के पोस्टर
प्राचार्य द्वारा समय पर स्कूल ना पहुंचने पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता द्वारा स्कूल परिसर में पैनल लगाये जो शहरभर में चर्चा का विषय बना हुआ था वही कार्यकर्ताओं ने बताया कि अधिकांश समय मैडम स्कूल में मौजूद नहीं रहते हैं जिसके कारण आने जाने वाले बच्चों वह प्राचार्य को परेशानी उठानी पड़ती है।