युवक को फंसाने और पुलिस को बदनाम करने के लिए वीडियो वायरल का आरोप
उज्जैन, अग्निपथ। तराना में शराब कंपनी और तस्करों में चूहे- बिल्ली का खेल चल रहा है। हुआ यंू कि शराब कंपनी मैनेजर ने शराब से भरी कार थाने के सुपुर्द कर एक युवक पर तस्करी का आरोप लगाया। पुलिस ने केस दर्ज करने की जगह कार छोड़ दी। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद कार्रवाई पर सवाल उठे तो पुलिस सफाई देती नजर आई। पड़ताल की तो मामला कुछ और ही निकला।
दरअसल 27 जून की रात 12 बजे शराब कंपनी के मैनेजर संतोषसिंह ने सात पेटी और 20 क्वार्टर देशी शराब से भरी अल्टो कार एमपी 13 सी 3071 थाने के हवाले की। दावा किया कि खामली गांव का अजय पिता रघुनाथ शराब तस्करी के लिए ले जा रहा था। उसने पकडऩे से थाने में शराब निकालने तक का वीडियो बना लिया। केस दर्ज करने की जगह शराब जब्त कर 28 जून की दोपहर कार छोडऩे पर वीडियो वायरल कर आरोप लगाया गया कि पुलिस ने मोटी रकम लेकर अजय पर बिना केस दर्ज किए कार भी छोड़ दी। वीडियो सामने आने और पुलिस पर लगे आरोप की पड़ताल की तो मामला शराब के धंधे के विवाद का निकला। हालांकि अजय पर पूर्व में मारपीट व शराब तस्करी के केस है।
कहानी, मैनेजर की जुबानी
शराब कंपनी के मैनेजर संतोषसिंह ने बताया कि ग्राम खामली निवासी अजय सिंह शराब तस्करी करता है। उस पर मारपीट के भी केस दर्ज है। वह 27 जून की रात कार में सात पेटी और 20 क्वार्टर देशी शराब ले जा रहा था। पुलिस ने कार रोकी तो अजय भाग गया। इस पर कार थाने ले जाकर शराब जब्त की, लेकिन लेन-देन कर मामला रफा-दफा कर दिया।
पुलिस भी सवालों के घेरे में
शराब कंपनी का आरोप झूठा हो सकता है, लेकिन सवाल उठता है कि शराब जब्त होने के बाद भी कार कैसे छोड़ दी। रिकार्डशुदा अजय को क्यों नहीं पकड़ा गया। थाने में कार की नंबर प्लेट किसने निकाली। उसका मालिक कौन और केस झूठा है तो साजिश रचने वाले पर कार्रवाई क्यों नहीं की। उल्लेखनीय है ग्रामीण क्षेत्रों में चुनाव में शराब बंटने की आंशका के चलते भी सख्ती से कार्रवाई के निर्देश है।
पहले पुलिस पर हुई कार्रवाई
सर्वविदित है तराना टीआई भीमसिंह पटेल पदस्थी के बाद से ही सुर्खियों में है। लकड़ी तस्करी में प्रयुक्त ट्रक से एक्सीडेंट का थाने में नंबर प्लेट बदलना और फिर वाहन बदलने। दो बार सट्टे के अड्डे पकड़ाने और पुलिसकर्मियों की भूमिका सामने आने पर वह बच गए,लेकिन लगातार लग रहे आरोप से पुलिस की छवि खराब हो रही है। इस मामले में भी पटेल के साथ एसआई बाबूलाल चौधरी व प्रधान आरक्षक मानसिंह पर आरोप लगे हैं।
इनका कहना
शराब पकडऩे से लेकर थाने से निकालने तक का वीडियो बनाया है। पुलिस ने रिकार्डशुदा आरोपी होने पर भी केस दर्ज नहीं किया और कार भी छोड़ दी।
-संतोषसिंह, शराब कंपनी का मैनेजर
शराब कंपनी के मैनेजर ने शराब से भरी कार थाने लाकर खड़ी की। उसके कहने पर किसी के खिलाफ केस कैसे दर्ज कर सकते हैं। कार छोडऩे की जानकारी नहीं है।
– आकाश भूरिया, एएसपी देहात