यूडीए के ईई ने कहा- टप्पे बन चुके, रोड का मटेरियल एक दिन पूर्व उठाया जाएगा
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आगामी 18 जुलाई को भगवान महाकाल की श्रावण मास की पहली सवारी निकाली जाएगी। लेकिन मंदिर की पालकी जिस मुख्य प्रवेश द्वार से निकलेगी। उसका कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। संबंधित निर्माण एजेंसी को ऐसे में केवल 2 सप्ताह का समय निर्माण कार्य को पूरा करने को मिलेगा। लेकिन बारिश का दौर शुरू होने से इस कार्य में खलल पड़ेगा और संभव नहीं लगता कि प्रवेश द्वार रैंप इस दौरान बन जाए। हालांकि निर्माण एजेंसी यूडीए (उज्जैन विकास प्राधिकरण) के ईई ने कहा कि सवारी निकलने के एक दिन पूर्व कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में विस्तारीकरण कार्य के चलते भगवान महाकाल की सवारी निकालने के मुख्य प्रवेश द्वार के रैंप का निर्माण कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। भगवान महाकाल की पहली सवारी 18 जुलाई को निकाली जाएगी। ऐसे में केवल 2 सप्ताह का समय निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए बाकी बचा हुआ है। लेकिन लगता है कि बारिश के शुरू होने के चलते निर्माण कार्य पूरा करने में संबंधित निर्माण एजेंसी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
इधर मानसून पूरी तरह से उज्जैन शहर में दस्तक दे चुका है। जिसकी बानगी शुक्रवार को देखने को मिली है। वैसे भी महाकालेश्वर मंदिर में निर्माण कार्य बिखरे पड़े हैं और केवल 10 दिन श्रावण मास शुरू होने के बचे हुए हैं। ऐसे में पालकी द्वार रैंप का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने के चलते सवारी किस मार्ग से निकालेंगे इस पर प्रश्न चिन्ह चस्पा हो गया है।
टप्पे बन चुके, मटेरियल उठाना बाकी
संबंधित निर्माण एजेंसी उज्जैन विकास प्राधिकरण के ईई केसी पाटीदार ने बताया कि पालकी द्वार रैंप के टप्पे बना दिए गए हैं। एक दिन पूर्व मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने स्थित रोड का बिखरा हुआ मटेरियल हटा लिया जाएगा। मार्बल गलियारे तक गिट्टी डाल दी गई है। बारिश किसी भी तरह से कोई खलल पालकी द्वार रैंप के निर्माण कार्य में अड़चन पैदा नहीं कर पाएगी।
अभिषेक के लिए तांबे के लोटे बांटे
श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में 1500 रुपए की अभिषेक रसीद से दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर प्रशासन ने शुक्रवार से नई व्यवस्था शुरू की है। अमूमन गर्भगृह में मंदिर प्रशासन द्वारा पूर्व से ही छोटे तांबे के लोटे जलाभिषेक के लिए उपलब्ध करवाकर रखे हैं। लेकिन कई श्रद्धालुओं को यह लोटे अभिषेक के लिए नहीं मिल पाते हैं। लिहाजा मंदिर प्रशासन ने इन लोटों को चांदी गेट पर श्रद्धालुओं को देना शुरू किया है। ताकि गर्भगृह में श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई परेशानी सामने नहीं आ पाए।