उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन के मोहन नगर बी के रहवासियों के लिए थोड़ी देर की बारिश ही अभिशाप बन जाती है। यहां पर नालियों का पानी चौक होकर सडक़ों पर जमा हो जाता है और रहवासी घरों में कैद होकर रह जाते हैं।
उज्जैन के मोहननगर-बी क्षेत्र का यह हाल 2 जुलाई की दोपहर का है। यहां करीब एक घंटे की बारिश में ही सडक़ें पानी से लबालब हैं। बारिश का पानी नाली से जाने की जगह नाली का पानी सडक़ों पर जमा है। ऐसा इसलिये हो रहा है क्योंकि नालियां चोक है, और नीची हैं। नालियों का पानी बहकर आगे मुख्य मार्ग पर स्थित नाले में मिलना चाहिए। लेकिन ऐसा होता नहीं है क्योंकि नाला उंचा है और नालियां नीची। बारिश होते ही नाला ओवरफ्लो होता है और उसका पानी भी नालियों मेें रिवर्स मार जाता है और हालात इस तरह हो जाते हैं।
एक घंटे की बारिश में ही घुटने तक पानी सडक़ों पर जमा हो जाता है। नीचे घरों में भी पानी भर जाता है। नालियों का पानी सडक़ पर जमा होने के कारण बदबूदार स्थिति बन जाती है। सडक़ पर जमा पानी उतरने के बाद भी नालियों की गंदगी यहां सडक़ पर जमी रहती है जो अगले एक-दो दिनों तक रहवासियों को परेशान करती है।
नई नालियां बनीं पर समस्या दूर नहीं हुई
मोहन नगर क्षेत्र में नए सिरे से नालियां बनाने का काम पिछले दिन हो चुका है लेकिन काम इस तरह हुआ कि नालियों से पानी जाता ही नही है। पुरानी नालियां तोडक़र बिना किसी तकनीकी परिवर्तन के उसी जगह पुन: नालियां बना दी गई, जो किसी भी रूप में लाभकारी नहीं कही जा सकती। कुछ-कुछ क्षेत्र में तो नाली बनाई ही नही गई। सभी नालियां मुख्य मार्ग स्थित नाले में जाकर मिलती है। लेकिन नाली बनाने वालों ने नालियों को नाले से उंचा नहीं किया।
अब नालियां नाले से नीची हैं इस कारण नालियों का पानी और गंदगी नाले तक पहुंच ही नहीं पाती। इस कारण नालियों में हमेशा गंदगी भरी रहती है। यही गंदगी बारिश में नालियों के उफनने पर सडक़ों पर आकर जमा हो जाती है और पूरा माहौल गंदा करती है। यही गंदगी पानी के साथ लोगों के घरों में भी चली जाती है। क्षेत्रीय रहवासियों का कहना है कि कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इसकी शिकायत की गई है लेकिन कोई हल नहीं निकलता।