महेश परमार ने लगाई आरोपों की झड़ी
उज्जैन, अग्निपथ। महापौर पद के कांग्रेस प्रत्याशी महेश परमार ने मंगलवार को अंतिम दिन जहां वन टू वन मेलजोल कर मतदाताओं से आशीर्वाद प्राप्त किया, वहीं भारतीय जनता पार्टी के नगर निगम के पूर्व बोर्ड और मध्यप्रदेश सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा दी। मंगलवार को जहां शहर जलमग्न हो गया वहीं कांग्रेस महापौर प्रत्याशी महेश परमार ने भाजपाई जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया।
नगरीय निकाय चुनाव के तहत आज वोट डाले जाएंगे, इसके 1 दिन पूर्व मंगलवार को हुई बारिश के मुद्दे पर जिला प्रशासन से लेकर भाजपा के पूर्व बोर्ड की पोल खोल कर रख दी है, प्रधानमंत्री आवास से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक उपलब्ध कराए जाने का दावा करने वाली भाजपा सरकार कितने झूठे आंकड़े परोसती है, इसकी एक बानगी खुले आसमान के नीचे जीवन यापन करने वालों को देखकर पता चलती है। 18 साल में आज तक भाजपा सरकार यह तय नहीं कर पाई क्या असली गरीब कौन है जो अपात्र हैं उनके नाम पीएम आवास में शामिल कर दिया जाए और जो छात्र ही आवास हीन है वह सडक़ों पर जीवन बिताने को मजबूर है।
प्रधानमंत्री आवास के नाम पर अधिकारी से लेकर भाजपाई 10 से 20 हजार की रिश्वत मांग रहे हैं। आसमान से बरसती आफत गरीबों के माथे पर साफ देखी जा सकती है। शहर के रेन बसेरों से लेकर गली मोहल्ले और शहर के प्रमुख चौराहों व नृसिंह घाट रामघाट इलाके मैं कई गरीब परिवार खुले आसमान के नीचे जीवन यापन कर रहे है। नगर निगम ने जिन परिवारों को गरीब बता कर आवास उपलब्ध कराए गए हैं उन्होंने या तो वे मकान बेच दिए या किराए पर चला दिए जिस के आंकड़े सबूत सहित मेरे पास है।
कांग्रेस महापौर प्रत्याशी महेश परमार ने साफ तौर पर आरोप लगाया कि विद्युत मंडल उज्जैन में कई ऐसे अधिकारी हैं जो रसूखदार परिवारों और बड़ी संस्थाओं से नगद रुपए लेकर उनके लाखों रुपयों के बिल और मीटर में हेराफेरी कर उन्हें आर्थिक फायदा पहुंचा रहे हैं, यही नहीं गरीब परिवारों को हजारों के बिल भेजे जा रहे हैं, उनके यहां जितनी बिजली का उपयोग नहीं होता उसे 4 गुना बिल भेज कर प्रताडि़त किया जा रहा है, बिल नहीं भरने पर उनके कनेक्शन काटे जा रहे हैं और बड़े बकायेदारों को अभयदान दिया जा रहा है।
मंगलवार को हुई बारिश के संबंध में भी महापौर प्रत्याशी महेश परमार ने कहा कि मैं झूठे दावे और आश्वासनों की राजनीति नहीं करता। पूरा उज्जैन जलमग्न हो रहा है और अभी सावन भादो की बारिश बाकी है। हल्की फुल्की बारिश में ही नालिया नाले में तब्दील हो गई और सडक़ों के बाद पानी लोगों की दुकान और घरों तक समाहित हो गया है। मतदान सामग्री लाने ले जाने वाले कर्मचारियों से लेकर व्यवस्था में जुटे पुलिस और प्रशासन के लोगों को भी मंगलवार को काफी तकलीफ आई है, जिसके भी सबूत हमारे पास है।
उन्होंने कहा कि में तथ्यात्मक बात करता हूं, जब भी जरूरत पड़ेगी मैं प्रत्येक सार्वजनिक मंच पर आंकड़े सहित प्रधानमंत्री आवास घोटाले से लेकर विद्युत मंडल में चल रही है हेराफेरी एवं पीएचई विभाग में जल प्रदाय मामले में भ्रष्टाचार की जानकारी जनता से लेकर जिम्मेदार अफसरों के साथ साझा कर सकता हूं।