वेदपाठी ब्राह्मणों ने किया शतचंडी यज्ञ-श्री शंकराचार्य मठ में आज होगी दिव्य देव मूर्तियों का प्राण प्रतिष्ठा
उज्जैन, अग्निपथ। नृसिंह घाट के समीप स्थित श्री शंकराचार्य मठ में आयोजित शिव परिवार की दिव्य देव मूर्तियों का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में बुधवार 6 जुलाई को भारत के विभिन्न तीर्थों से पधारे महापुरूषों के आशीर्वचन हुए जिसमें उन्होंने मूर्ति प्रतिष्ठा का महत्व तथा भक्ति ज्ञान आदि गुढ़ विषयों पर अपने आत्म चिंतन को प्रवचन के माध्यम से भक्तों को समझाया। शंकराचार्य मठ के प्रांगण में दिव्य वातावरण में प्राण प्रतिष्ठा की वैदिक विधि हुई। वहीं वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा शतचंडी यज्ञ किया गया।
शंकराचार्य मठ में कर्म, उपासना, ज्ञान तीनों एक साथ मिलने से भक्तों का जीवन धन्य हो गया। शिव पंचायतन की प्राण प्रतिष्ठा हेतु गुजरात भरूच से आए आचार्य अक्षयभाई जोशी, रमाकांत भट्ट, जिग्नेश भाई जोशी, नीकुल जोशी, निल भाई व्यास ने पूजन कराया। साथ ही इंदौर, दिल्ली, बनारस से आए ब्राह्मणों का यज्ञ कार्य के लिए आगमन हुआ। आज 7 जुलाई को मुख्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया जाएगा। महोत्सव में संत सम्मेलन प्रात: 9 से दोपहर 12 तथा दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक होगा। शंकराचार्य कार्य व्यवस्थापक समिति के सुभाष गोयल, यदुनंदन महेश्वरी, पवन महेश्वरी ने भक्तों से आयोजन में पधारकर धर्मलाभ लेने का अनुरोध किया है।
इन संतों का मिला सान्निध्य
परिव्राजकाचार्य स्वामी पुण्यानंद गिरी के सानिध्य में आयोजित पांच दिवसीय भगवद् विग्रहों के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में दक्षिणामूर्ति पीठाधीश्वर स्वामी पुण्यानंदगिरीजी, निर्वाण पीठाधीश्वर स्वामी विशेकानंद भारतीजी बिकानेर, महामंडलेश्वर स्वामी चिदम्बरानंद सरस्वती मुंबई, महामंडलेश्वर स्वामी शांतिस्वरूपानंदगिरीजी उज्जैन, महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरीजी मुंबई, स्वामी परमात्मानंद सरस्वती अहमदाबाद, स्वामी प्रणवानंद सरस्वती महाराज ओंकारेश्वर, महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती महाराज इंदौर, महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती महाराज वृंदावन, महामंडलेश्वर कार्षि्ण स्वामी गुरूशरणानंद महाराज रमणरेती सहित भारत के विभिन्न तीर्थों से संतवृंद पधारे।