250 रु. टिकटधारियों और वीआईपी का प्रवेश आपातकालीन गेट से किया बंद, कार्तिकेय मंडपम से लगकर किए दर्शन
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में सामान्य श्रद्धालुओं को भी मंदिर प्रशासन लगातार गर्भगृह से दर्शन व्यवस्था करवाने की पहल कर रहा है। शुक्रवार को भी सामान्य श्रद्धालुओं को गर्भगृह से दर्शन करवाए गए। हालांकि भीड़ बढ़ती देखकर 1.30 घंटे दर्शन करवा कर व्यवस्था को बंद कर दिया गया। लेकिन 250 रुपए शीघ्र दर्शन टिकट और वीआईपी प्रोटोकाल प्राप्त श्रद्धालुओं की आपातकालीन गेट से प्रवेश व्यवस्था को बंद कर दिए जाने से उनको काफी परेशानी हुई।
तीन दिन पूर्व भी सामान्य श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के गर्भगृह से दर्शन करवाए गए थे। शुक्रवार को भी दोपहर 1.15 बजे से लेकर 2.45 बजे तक दर्शन का लाभ सामान्य श्रद्धालुओं ने लिया। हालांकि इस दौरान 250 रुपए शीघ्र दर्शन टिकट लेने वाले श्रद्धालु और प्रोटोकाल प्राप्त वीआईपी श्रद्धालु आपातकालीन गेट बंद कर दिए जाने से काफी परेशान हुए। अमूमन इनको जब गर्भगृह से दर्शन बंद रहते हैं, तब यहीं से प्रवेश दिया जाता है। व्यवस्था को इस दौरान बंद कर दिए जाने से इन श्रद्धालुओं को कोठार गेट से प्रवेश करवा कर पुराने महानिर्वाणी अखाड़े के पास से कार्तिकेय मंडपम में प्रवेश दिया गया। इस तरह की व्यवस्था होने से श्रद्धालु काफी परेशान हुए।
आपातकालीन गेट से प्रवेश करवा सकते
गर्भगृह से प्रवेश के दौरान आपातकालीन गेट बंद करने की आवश्यकता ही नहीं थी। आपातकालीन गेट से प्रवेश देकर उनको पालकी द्वार और फिर यहां से 1 नंबर बेरिकेड्स में प्रवेश दे दिया जाता। इससे उनका 250 रुपए शीघ्र दर्शन टिकट खरीदना भी सार्थक हो जाता। यही व्यवस्था वीआईपी प्रोटोकाल प्राप्त श्रद्धालुओं के लिए भी की जाना चाहिए थी।
125 श्रद्धालु पैदल पहुंचे महाकाल दरबार
धार जिले के बाग निवासी 125 श्रद्धालु शुक्रवार को पैदल चलते हुए भगवान महाकाल के दर्शन को पहुंचे। श्रद्धालु नंदलाल पूनमचंद तापडिय़ा ने बताया कि वे 1 जुलाई को बाग से निकले थे। उन्होंने संकल्प लिया था कि वे पैदल चलकर भगवान महाकाल के दर्शन करेंगे। उन्होंने भगवान महाकाल को चांदी का मुखौटा भी दान स्वरूप भेंट किया।