उज्जैन,अग्निपथ। अफीम तस्करी और दुष्कर्म के प्रकरणों में शुक्रवार को जिले की दो कोर्ट ने फैसला सुनाया। तस्करी मामले में न्यायालय ने दो दोषियों को 20 साल की सजा सुनाई है। वहीं नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले को 20 साल कैद की सजा दी है।
राजस्थान स्थित प्रतापगढ़ निवासी मोहम्मद शावेज पिता मोहम्मद सलीम मंसूरी (28) व रामगोपाल पिता बाबूलाल पालीवाल(49) अफीम की तस्करी करते थे। दोनों 13 अप्रैल.2016 को 10 किलो अफीम सप्लाय करने जा रहे थे। सूचना पर नानाखेड़ा थाने के एसआई संजय सिंह राजपूत ने दोनों को इंदौर रोड स्थित प्रशांति धाम देवास रोड से पकड़ा और एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई कर दी।
मामले में अब तक की सुनवाई के बाद विशेष सत्र न्यायाधीश अश्वाक एहमद खान ने फैसला सुनाया। उन्होंने दोषी सिद्ध होने पर दोनों तस्करों को 10-10 साल कैद व दो लाख रुपए अर्थदंड दिया। प्रकरण में शासन की ओर से अभियोजन उपसचांलक डॉ. साकेत व्यास व एडीपीओ नितेश कृष्णन ने पैरवी की।
अपहरण कर किया था रेप
बडऩगर निवासी नाबालिग 2 जनवरी .2020 को बाजार जाने के बाद लापता हो गई थी। इस पर परिजनों ने अपहरण की आशंका जताते हुए केस दर्ज कराया था। मामले में पुलिस ने रतलाम के संतोष पिता श्यामलाल को पकडक़र किशोरी को बरामद किया था। पीडि़ता ने बयान में बताया था कि संतोष ने उसके साथ ज्यादती भी की। इस पर पुलिस ने अपहरण पाक्सो एक्ट के साथ दुष्कर्म की धाराओं में कार्रवाई कर संतोष को जेल भेज दिया था।
मामले में बडऩगर के अपर सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने दोषी पाए जाने पर संतोष को 20 कैद व तीन हजार रूपये अर्थदंड दिया। वहीं नालसा योजना में पीडि़ता को प्रतिकर के रुप में तीन लाख रुपए दिलाने की अनुशंसा की। प्रकरण में शासन का पक्ष विशेष लोक अभियोजक भारती उज्जालिया ने रखा।