नवनिर्वाचित महापौर भी पहुंचे समर्थकों के साथ
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर से भगवान महाकाल की श्रावण मास की पहली सवारी पूरे शानोशौकत के साथ अपनी प्रजा को दर्शन देने के लिए निकली। दो वर्ष बाद भगवान की सवारी के दीदार करने के लिए स्थानीय सहित बाहरी श्रद्धालुओं ने भी पलक पावड़े बिछा दिए। पहली सवारी में ही शाही सवारी जैसा नजारा सडक़ों पर दिखाई दिया। नवनिर्वाचित महापौर भी अपने समर्थकों के साथ भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए सभामंडप पहुंच गए थे। सभामंडप में नवागत एडीशनल एसपी का भाजपाइयों से विवाद भी हुआ। सभामंडप में पूजन अर्चन कलेक्टर आशीषसिंह ने सपत्नीक किया। इस दौरान नवनिर्वाचित महापौर मुकेश टटवाल, महंत विनीतगिरी महाराज, मंदिर समिति सदस्य राजेन्द्र शर्मा भी उपस्थित थे। पूजन अर्चन पुजारी घनश्याम शर्मा और आशीष गुरु द्वारा संपन्न कराया गया। शाम 4 बजे पालकी सभामंडप से नगर भ्रमण को निकली।
मंदिर प्रांगण में पालकी गिरते बची
मंदिर परिसर में ेंसिद्धि विनायक मंदिर के पुजारी चम्मू गुरु द्वारा पूजन अर्चन किया गया। पालकी मंदिर परिसर में आई और रुकी तो काफी लोग पालकी पर झूम गए, लिहाजा एक ओर झुक गई और गिरते बची। यहां से भगवान मनमहेश पालकी द्वारा पर पहुंचे। यहां पुलिसकर्मियों द्वारा उनको गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद पालकी रामघाट की ओर रवाना हो गई।
सोमवार को पालकी पूजन शुरू होने से पहले सभी गेटों पर तालाबंदी कर दी गई थी। किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जा रहा था। उपर से आदेश होने के कारण कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी भी परेशान थे। यह पहली बार है कि जब पालकी की पूजा होने से आधा घंटा पहले ही सभी प्रवेश द्वारों पर ताले लगा दिए गए। जिसके चलते पंडे पुजारी और मीडियाकर्मी प्रवेश को लेकर परेशान होते रहे।