उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम में एक-दूसरे के खेमे के अधिकारियों को निपटाने की मुहीम अब तक थमी नहीं है। अधिकारियों के खेमों के बीच वर्चस्व की जंग में अगली तैयारी राजस्व निरीक्षक सुबोध जैन को निलंबित करने की हो गई है। सहायक आयुक्त प्रदीप सेन और ओमप्रकाश बरवा को भी नौकरी से बर्खास्त करने की तैयारी थी लेकिन दोनों कोर्ट से स्थगन आदेश ले आए।
सहायक आयुक्त प्रदीप सेन और ओमप्रकाश बरवा की नियुक्ति की विवादित है। दोनों शहरी गरीबी उपशमन प्रकोष्ठ में सहायक सामुदायिक संगठक के पद पर भर्ती हुए थे। नगर निगम के पिछले बोर्ड में प्रस्ताव पारित कर इनकी नियुक्ति को विधिवत जामा पहनाया गया। नगर निगम में हाल ही में राज्यशासन से एक परिपत्र आया है। इस परिपत्र में बताया गया है कि सहायक सामुदायिक संगठक के पद पर नियुक्ति संविदा है और यह संविदा भर्ती भी शासन स्तर पर होना थी।
उज्जैन नगर निगम प्रदेश की एक मात्र ऐसी नगर निगम रही, जिसने शासन आदेश के विपरीत नगर निगम के स्तर पर भर्ती की। इस परिपत्र के बाद सहायक आयुक्त के पद पर बैठे प्रदीप सेन के साथ ही ओमप्रकाश बरवा और श्रीमती सविता को शासन आदेश के तहत सेवा समाप्त करने की तैयारी कर ली गई थी। नगर निगम की ओर से इस मामले में कोर्ट में केविएट भी दायर की जाना थी लेकिन चूक हो गई।
प्रदीप सेन व अन्य ने अपने विरूद्ध प्रस्तावित कार्यवाही के विरूद्ध हाइकोर्ट इंदौर में अपील दायर की और जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की कोर्ट से उन्हें स्थगन आदेश भी मिल गया।
जैन ने नहीं किया ज्वाईन
नगर निगम में लंबे वक्त तक उपायुक्त रहे सुबोध जैन को कुछ वक्त पहले आयुक्त ने राजस्व निरीक्षक के मूल पर जोन क्रमांक 4 में ट्रांसफर किया था। सुबोध जैन ने यहां अपनी आमद ही नहीं दी थी। वे बिना किसी सूचना के अवकाश पर है। नगर निगम के स्तर पर अब सुबोध जैन को निलंबित करने की तैयारी की जा रही है।