देवासगेट बस स्टेंड से सीधे महाकालेश्वर मंदिर तक जा सकेंगे श्रद्धालु
उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन शहर को केंद्र सरकार की तरफ से बहुत जल्द एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है। उज्जैन में अगले महीने से एयर बस (रोप-वे) सेवा के लिए सर्वे आरंभ कर दिया जाएगा। सबकुछ ठीक रहा तो सिंहस्थ 2028 से पहले यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा। एयर बस सेवा के जरिए उज्जैन आने वाले श्रद्धालु देवासगेट बस स्टेंड, रेलवे स्टेशन से सीधे महाकालेश्वर मंदिर तक जा सकेंगे।
इसी साल 23 फरवरी को केंद्रीय भू-तल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जब उज्जैन आए थे, तब उन्होंने दो बड़ी घोषणाएं की थी। गडकरी की दूसरी बड़ी घोषणा उज्जैन में एयर बस सेवा शुरू करने की थी। उनकी इस घोषणा पर अमल भी शुरू हो गया है। नेशनल हाइवे अथॉरिटी(एनएचएआई) की चेयरमेन अलका उपाध्याय द्वारा उज्जैन में एयर बस सेवा शुरू करने के लिए सर्वे करने के निर्देश जारी कर दिए है।
अलका उपाध्याय मध्यप्रदेश केडर की ही आईएएस है। इस प्रोजेक्ट के लिए शुरूआती सारी जानकारियां कलेक्टर आशीष सिंह के जरिए एनएचएआई को पहुंचाई जा चुकी है। इस बात की पूरी संभावना है कि एनएचएआई की टीम अगले महीने एयर बस प्रोजेक्ट के सर्वे के लिए उज्जैन आएगी।
नाम एयर बस, सेवा रोप-वे जैसी
देवासगेट बस स्टेंड से महाकालेश्वर मंदिर के बीच एयर बस सेवा की शुरूआती परिकल्पना की गई है। प्रोजेक्ट को एयर बस नाम जरूर दिया गया है लेकिन यह रोप-वे प्रोजेक्ट है। देवासगेट बस स्टेंड से महाकालेश्वर मंदिर के बीच करीब डेढ़ किलोमीटर के दायरे में बडे पिल्लरों का निर्माण कर इन पर रोप टैक्सियां चलाई जाएंगी।
चलते काम में बदली डीपीआर
नितिन गडकरी ने उज्जैन प्रवास के दौरान उनकी पहली बड़ी घोषणा उज्जैन- आगर तक के मार्ग को फोरलेन में तब्दील करने की थी। उज्जैन-झालावाड़ तक के मार्ग का टू-लेन निर्माण कार्य पहले से जारी था। देश में एनएचएआई का यह पहला प्रोजेक्ट है जिसमें चलते काम में डीपीआर में संशोधन किया गया और पहले से निर्माण कर रही कंपनी को पहले से तय रेट पर ही फोरलेन का काम सौंपा गया। मंत्री की घोषणा के महज 2 महीने बाद ही इस पर काम भी शुरू कर दिया गया। उज्जैन से घोंसला के बीच फोरलेन निर्माण का काम भी शुरू हो गया है।
इनका कहना
केंद्रीय मंत्री की घोषणा के अनुरूप उज्जैन से एयर बस प्रोजेक्ट की शुरूआती जानकारी एनएचएआई को भेजी जा चुकी है। सर्वे संबंधी आदेश भी जारी हो चुके है। हमारी कोशिश होगी कि सिंहस्थ से पहले यह प्रोजेक्ट सौगात के रूप में उज्जैन को मिल जाए।
– अनिल फिरोजिया, सांसद