ओंकारेश्वर मंदिर के पास गत्ते, प्लास्टिक की बोतलों को लग गई थी आग
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में गुरुवार की रात ओंकारेश्वर मंदिर के पास पड़े हुए रॉ मटेरियल में आग लग गई थी। हालांकि समय रहते इसको बुझा लिया गया था। शुक्रवार को मंदिर परिसर में मंदिर प्रशासन ने लाइन से फायर एस्टींग्यूशर लगाकर मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को और सुदढ़़ किया।
गुरुवार की रात 10 बजे के लगभग अस्थाई पुल निर्माण में काम आने वाली वेल्डिंग मशीन से निकले स्पार्क से ओंकारेश्वर मंदिर से दूर पड़े गत्ते, प्लास्टिक की बोतल आदि में आग लग गई थी। इसको बुझाने के लिए ओंकारेश्वर मंदिर के सेवकों ने पानी की बाल्टी से आग बुझाने का प्रयास किया। वहीं सुरक्षाकर्मी भी इस दौरान आग बुझाने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन एक भी फायर एस्टींग्यूशर मंदिर परिसर में नहीं लगा होने के कारण आग पर शीघ्रता से काबू नहीं पाया जा सका था। इसी को देखते हुए शुक्रवार को ओंकारेश्वर मंदिर के सामने की रैंप की बाहरी दीवारों पर लाइन से फायर एस्टींग्यूशर लगा दिए गए।
मंदिर समिति का कोई लेना-देना नही
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि मंदिर में लगी आग की घटना से मंदिर प्रबंध समिति का कोई लेना देना न हीं है। क्योंकि सुरक्षा की जिम्मेदारी नगर निगम की होती है। वहीं ब्रिज निर्माण की नोडल एजेंसी यूडीए और सीबीआरआई है। ज्ञातव्य रहे कि राष्ट्रपति के आगमन के पूर्व नगर निगम के सुरक्षा अधिकारी द्वारा मंदिर में 100 अग्निशमण यंत्र लगाए थे।
हिमाचल के मुख्यमंत्री ने भस्मारती दर्शन किये
महाकालेश्वर मंदिर में शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सपरिवार महाकाल मंदिर पहुंचे और बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल हुए। जयराम ठाकुर ने नंदीहाल में बैठकर बाबा महाकाल की भस्म आरती देखी। वे शिव आराधना में लीन दिखाई दिए। सावन माह में यहां गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित होने के कारण उन्होंने चौखट पर मत्था टेका। बाबा महाकाल से हिमाचल प्रदेश व देश के कल्याण की कामना की।
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