महाकालेश्वर मंदिर प्रशासक ने लिखा मुख्य कार्यपालन अधिकारी को पत्र, दोषी इंजीनियर पर कार्रवाई की मांग
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में नागपंचमी पर्व पर दर्शन को लेकर अस्थाई पुल (एरो ब्रिज) का निर्माण कार्य किया जा रहा है। पिछले दिनों गुरुवार की रात्रि के समय अचानक आग लगने की घटना घटित हुई थी। जिसमें प्राधिकरण के इंजीनियरों की लापरवाही सामने आई है। जो कि घटनास्थल पर उपस्थित नहीं थे। महाकालेश्वर मंदिर प्रशासक ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी को एक पत्र लिखकर दोषी इंजीनियरों पर कार्रवाई की मांग की है।
प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को लिखे गए पत्र में निर्माणाधीन अस्थाई पुल के नीचे अचानक आग लगने की घटना को उसकी लापरवाही बताया है। भेजे गए पत्र के अनुसार 21 जुलाई को रात्रि में अचानक आग लगने की घटना हुई थी।
यह निर्माण कार्य सीबीआरआई (भवन अनुसंधान केन्द्र) के द्वारा अनुमोदित ड्राइंग डिजाइन अनुसार प्राधिकरण के इंजीनियरों की निगरानी एवं मार्गदर्शन में संपन्न हो रहा है। आग लगने की घटना के समय कोई भी इंजीनियर घटना स्थल पर उपस्थित नहीं था। इस लापरवाही से कोई भी बड़ा हादसा हो सकता था।
आग लगने की घटना से मंदिर की छवि धूमिल हुई है तथा श्रद्धालुओं में भय का वातावरण निर्मित हुआ है। इसलिए घटना की तत्काल जांच करवा कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए तथा यह भी सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में किसी भी प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति ना हो। अन्यथा प्राधिकरण पर घटना की संपूर्ण जवाबदारी रहेगी।
अग्निशमन यंत्र लगाना ननि का काम
मंदिर प्रशासक धाकड़ की मानें तो मंदिर में आग जैसी घटना से सुरक्षा का दायित्व नगरनिगम का बनता है। हाल ही में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के महाकालेश्वर मंदिर आगमन के दौरान नगरनिगम द्वारा मंदिर में 100 अग्निशमन यंत्र लगाए गए थे। लेकिन इसके बाद इन यंत्रों को एकत्रित कर एक ओर रख दिया गया था। समय रहते यदि यंत्र परिसर में मौजूद रहते तो तुरंत आग पर काबू पा लिया जाता।
बेरिकेड्स से परिसर सुरक्षित
अस्थाई पुल निर्माण के दौरान हालांकि सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। चारों ओर से बेरिकेडिंग की गई है। किसी के चोटिल होने की कोई संभावना नहीं है। पुल का निर्माण कार्य बदस्तूर चल रहा है। बेरिकेड्स लगे होने की वजह से श्रद्धालु ओंकारेश्वर मंदिर में दर्शन कर सीधे इसके किनारे से होते हुए दूसरी ओर सुरक्षित निकल रहे हैं। ओंकारेश्वर मंदिर के सेवक भी इस बात का पूरा ध्यान रख रहे हैं कि मंदिर के ओटले पर श्रद्धालु बैठ ना सकें। उनको बार बार हटाया जा रहा है।
अस्थाई पुल का निर्माण कार्य उज्जैन विकास प्राधिकरण के इंजीनियरों की देखरेख में चल रहा है। इस घटना से उनकी लापरवाही सामने आई है।
-गणेश कुमार धाकड़, प्रशासक, महाकालेश्वर मंदिर समिति
यह भी पढ़ेंः महाकाल मंदिर प्रांगण में वेल्डिंग गैस सिलेंडर में लगी आग
यह भी पढ़ेंः महाकालेश्वर मंदिर: आग लगने की घटना से लिया सबक