रैबीज इंजेक्शन लगने के बाद बिगड़ी बुजुर्ग की हालत

unhel raibiz

परिजन ने लगाया आरोप, मामला नागदा एसडीएम के समक्ष पहुंचा

उन्हेल, अग्निपथ। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ऐसे तो समस्याओं का अंबार है और रोगियों की समस्या के लिए आए दिन यह केंद्र सुर्खियों में रहता है पर एक वृद्ध को कुत्ते के काटने के बाद रेबीज इंजेक्शन के लिए बिना पंजीयन कार्ड बनाएं 1 सप्ताह में चार इंजेक्शन के बाद वृद्ध की हालत बिगड़ गई। मामला उलझता देख उन्हेल स्वास्थ्य केंद्र से रोगी को उपचार के लिए नागदा स्वास्थ्य केंद्र रेफर कर दिया गया। रोगी जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहा है।

रोगी के पुत्र नरेंद्र खारोल ने अग्निपथ को बताया कि 7 जुलाई को पिता शंभूलाल (60) निवासी विपट कॉलोनी उन्हेल को कुत्ते ने काट लिया था। उपचार के लिए उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया था। वहां पर डॉ. रेणुका मीणा ने उनका उपचार किया। 7 जुलाई को रैबीज का पहला इंजेक्शन लगाया गया। उसके बाद दूसरा इंजेक्शन 9 जुलाई, तीसरा 11 जुलाई और चौथा इंजेक्शन 14 जुलाई को लगाया गया। उसके बाद पिता की हालत ज्यादा नाजुक होने पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। उनकी स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य केंद्र उन्हेल द्वारा उन्हें नागदा रेफर कर दिया गया।

वहां पहुंचने के बाद अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों ने पूछा रैबीज इंजेक्शन कब-कब लगाए थे, इस पर पूरी जानकारी देनें पर नागदा के डॉक्टर ने बताया कि ओवरडोज होने के कारण इनकी हालत बिगड़ी है और इनका बीपी लो हो गया है। फिर नागदा में उन्हें उपचार दिया गया। वहां से उपचार के बाद छुट्टी की गई तो और घर के आने के बाद से उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है। उन्हेल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद डॉक्टर और कर्मचारियों की लापरवाही से मेरे पिताजी की हालत चिंताजनक बनी हुई है। इसकी शिकायत नागदा एसडीएम आशुतोष गोस्वामी सहित जिला स्वास्थ्य विभाग को की गई है।

खुद चिकित्सक ने माना वैक्सीन नहीं

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डॉ. रेणुका मीणा ने बताया कि हमारे पास रैबीज का इंजेक्शन नहीं होने के कारण रोगी को नागदा स्वास्थ्य केंद्र रेफर किया गया था। रोगी के पुत्र द्वारा लगाए गए आरोप को खारिज करते हुए कहा कि हाई डोज वाला मामला कुछ नहीं है। फिर नागदा स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक ने परिजन को हाई डोज दिए जाने की जानकारी के बाद से परिजन डिप्रेशन में है तथा रोगी जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहा है। जब उन्हेल केंद्र पर वैक्सीन नहीं थी तो रोगी का उपचार क्यों किया गया इसको लेकर सवाल खड़ा हो रहा है।

ऐसे लगते हैं रैबीज इंजेक्शन

स्वास्थ्य विभाग के जानकारों के अनुसार कुत्ते के काटने के बाद रेबीज इंजेक्शन के लिए टाइम टेबल होता है पहला इंजेक्शन लगने के 3 दिन बाद, फिर 7 दिन बाद फिर 14 दिन बाद फिर 21 दिन बाद और फिर 30 दिन बाद रेबीज इंजेक्शन लगाया जाता है। उसको लेकर कुछ जांच भी की जाती है। ऐसा नियम है तो फिर इस रोगी के साथ जो प्रक्रिया अपनाई गई है वह सरासर गलत होने के साथ रोगी के जीवन और मौत के साथ बहुत ही नौसिखिया उपचार किया गया है जो जांच का विषय है।

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