उज्जैन, अग्निपथ। केंद्रीय जेल में बंदियों को तम्बाकू उपलब्ध करने वाले आरक्षक को जेल अधीक्षक ने सस्पेंड कर दिया है। उसके पास से लगभग 2 किलो तंबाकू की पुडिय़ा बरामद हुई थी।
केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ अधीक्षक उषाराजे शुक्रवार देर रात परिजनों के साथ देवदर्शन पर निकली थी, लौटते समय जेल की गतिविधियां देखने भी पहुंच गई। उसी दौरान ड्यूटी पर तैनात आरक्षक सनी गेहलोत की गतिविधि संदिग्ध दिखाई देने पर पूछताछ करने पहुंची तो उसकी कुर्सी के नीचे 2 थैलियां दिखाई दी। पूछताछ करने आरक्षक जवाब नहीं दे पाया।
जेलकर्मियों को बुलाकर जांच कराई गई थी थैली मोजे की बनी हुई थी। जिसमें तम्बाकू की थैलियां भरी हुई थी। पता करने पर सामने आया कि जेल की बाहरी दीवार से थैलियां अंदर फेंकने का काम आरक्षक कर रहा था। बंदियों को उसके द्वारा तम्बाकू सप्लाय की जा रही थी। जेल अधीक्षक ने रात में ही वरिष्ठ अधिकारियों को मामले से अवगत कराया।
जेल मुख्यालय से आदेश मिलते ही आरक्षक को सस्पेंड कर विभागीय जांच शुरु कर दी गई। गौरतलब हो कि पूर्व में जेलकर्मी बंदियों को मादक पदार्थ सप्लाय करने के मामले में पकड़ा चुके है। जेल अधीक्षक लगातार जेलकर्मियों पर नजर रख रही है। जिसके चलते कई संदिग्ध गतिविधियां सामने आ रही है।
दुष्कर्म के आरोप से एसआई दोषमुक्त
उज्जैन, अग्निपथ। दुष्कर्म के आरोप से घिरे एसआई विकास देवड़ा को न्यायालय ने शनिवार को दोषमुक्त कर दिया। आरोप लगने के बाद एसआई को सस्पेंड कर दिया गया था।
भैरवगढ़ थाने में पदस्थ एसआई देवड़ा पर फरवरी माह में इंदौर की रहने वाली महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। चिमनगंज थाने में पहुंची महिला ने पति के साथ जमकर हंगामा किया था और राज रायल कालोनी के एक लैट में कैद कर रखने की बात कहीं थी। महिला के गंभीर आरोपों के बाद टीआई जितेन्द्र भास्कर ने दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज किया था। आरोपों से घिरे एसआई को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया था।
प्रकरण दर्ज होने के बाद गिर तारी पर इनाम भी घोषित किया गया, लेकिन अग्रिम जमानत मिलने के बाद पुलिस ने चालान न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया था। चार माह चली सुनवाई के बाद शनिवार को न्यायालय ने एसआई को आरोपों से दोष मुक्त कर दिया। बताया जा रहा है कि आरोप लगाने वाली महिला ने पति के दबाव में आकर प्रकरण दर्ज करने का बयान न्यायालय में दिया था।